मुंबई, छह सितंबर (भाषा) राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सहयोगियों के बीच ‘लाडकी बहन’ योजना का श्रेय लेने को लेकर ‘‘टकराव’’ दुर्भाग्यपूर्ण है और इसने सरकार की असली मंशा को उजागर कर दिया है।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए दावा किया कि शिवसेना-भाजपा-राकांपा सरकार को लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने के बाद ही ‘बहनों’ के प्रति लगाव महसूस होने लगा।
बारामती की सांसद ने कहा, ‘‘लाडकी बहन योजना महिला सशक्तीकरण के लिए नहीं, बल्कि स्वार्थी राजनीतिक हितों के लिए लाई गई है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मेहनती और स्वाभिमानी महिलाओं को यह महसूस कराकर गुमराह किया जा रहा है कि उन्हें इस सरकार पर भरोसा करना चाहिए। मंत्री श्रेय लेने के लिए एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। यह भाई-बहन के रिश्ते का अपमान है।’’
विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले शुरू की गई इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता दी जाती है।
इससे पहले दिन में, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता एवं राज्य के आबकारी मंत्री शंभुराज देसाई ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में उप मुख्यमंत्री अजित पवार पर ‘‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन’ योजना को ‘‘अगवा’’ करने का आरोप लगाते हुए अपनी निराशा जतायी।
देसाई ने आरोप लगाया, ‘‘योजना के नाम में ‘मुख्यमंत्री’ शब्द भी जुड़ा है और योजना के नाम से इसे हटाना अनुचित है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।’’
अजित पवार ने पिछले महीने ‘जन सम्मान यात्रा’ नाम से अपनी पार्टी का जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू किया था। अभियान के दौरान विज्ञापन एवं अन्य प्रचार सामग्री में राकांपा ने योजना के नाम का जिक्र सिर्फ ‘माझी लाडकी बहिन’ के रूप में किया।
भाषा
शफीक अविनाश
अविनाश
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