मुंबई, 25 नवंबर (भाषा) मुंबई में एक उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने फ्लिपकार्ट को “निम्न गुणवत्ता” वाला खाद्य उत्पाद वापस न लेने के लिए अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया। आयोग ने कहा कि यह ‘‘यह देखने का दायित्व उसका (फ्लिपकार्ट) है कि उसके मंच पर बेचा जाने वाला उत्पाद अच्छी गुणवत्ता का है।’’
आयोग ने फैसला सुनाया कि खाद्य उत्पाद का विक्रेता भी वापसी स्वीकार न करने के कारण सेवा में कमी का दोषी है।
इस महीने की शुरुआत में पारित एक आदेश में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (मुंबई उपनगरीय) ने विक्रेता और ई-कॉमर्स कंपनी को निर्देश दिया कि वे ग्राहक को उत्पाद के लिए भुगतान की गई कीमत ब्याज सहित वापस करें।
गोरेगांव निवासी शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने अक्टूबर 2023 में फ्लिपकार्ट से 4,641 रुपये में ‘हेल्थ ड्रिंक मिक्स’ के 13 छोटे प्लास्टिक कंटेनर खरीदे थे। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि हालांकि, आपूर्ति के बाद, उसने पाया कि उत्पाद का रंग सामान्य नहीं था।
शिकायकर्ता के अनुसार उसने यह भी देखा कि उक्त उत्पाद के लेबल पर कोई क्यूआर कोड नहीं था और उसने आरोप लगाया कि उसे ‘‘नकली उत्पाद’’ दिया गया था। शिकायकर्ता के अनुसार जब उसने उत्पाद वापस किये जाने की मांग की, तो फ्लिपकार्ट ने ‘नो-रिटर्न’ नीति का हवाला देते हुए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
आयोग ने अपने आदेश में उल्लेख किया कि शिकायतकर्ता ने उसके और फ्लिपकार्ट के बीच एसएमएस पत्राचार प्रस्तुत किया था, जो दर्शाता है कि ई-कॉमर्स कंपनी ने विशेष रूप से उल्लेख किया है कि इस उत्पाद की ‘‘नो रिटर्न’’ नीति है।
उसने कहा कि यह कंपनी की ओर से अनुचित व्यापार व्यवहार है।
आयोग ने यह भी माना कि चूंकि विक्रेता शिकायतकर्ता को उत्पाद को बदलने या उसका मूल्य चुकाने में विफल रहा, इसलिए उसकी ओर से सेवा में कमी साबित होती है।
आयोग ने साथ ही ई-कॉमर्स कंपनी और विक्रेता को शिकायतकर्ता महिला को 10,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया।
भाषा अमित प्रशांत
प्रशांत