मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि केन्द्र सरकार को वित्तीय सहायता प्रदान करते समय राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए।
राज्य के राहत एवं पुनर्वास कार्य मंत्री विजय वडेट्टीवार ने बुधवार को दावा किया था कि राज्य ने इस साल विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई क्षति से निपटने के लिए 7,700 करोड़ रुपये की सहायता राशि मांगी थी, लेकिन केन्द्र सरकार ने सिर्फ 1,100 करोड़ रुपये दिए। उन्होंने कहा कि यह (7,700 करोड़ रुपये) नुकसान की अनुमानित लागत थी, जो चक्रवात, बेमौसम और अत्यधिक भारी बारिश के कारण हुआ था।
पवार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘जब प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की मदद के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करने की बात आती है तो केन्द्र सरकार को राज्यों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए। मंत्रिमंडल के मेरे सहकर्मी विजय ने कहा था कि 8,000 से 9,000 करोड़ रुपये बकाया है।’’
वहीं, कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने बुधवार को केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर पक्षपात करने और राज्य को जरूरी मदद नहीं करने का आरोप लगाया था, जबकि प्रदेश ने पिछले एक साल में कम से कम तीन प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है।
कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों के परिजन को 50,000 रुपये का भुगतान करने की केंद्र द्वारा उच्चतम न्यायालय को जानकारी देने के सवाल पर पवार ने कहा, ‘‘ एक बार जब केन्द्र सरकार राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) में राशि जमा कर देगी, तो हम निर्देशों के अनुसार भुगतान करेंगे।’’
केन्द्र सरकार ने पिछले सप्ताह, उच्चतम न्यायालय को बताया था कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने सिफारिश की है कि कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजन को 50,000 रुपये दिए जाएं। उसने कहा था कि राज्यों द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ) से अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी।
भाषा निहारिका सुभाष
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