जाति जनगणना की जरूरत है, आंकड़े सरकारी नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करेंगे: चिराग पासवान

जाति जनगणना की जरूरत है, आंकड़े सरकारी नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन में मदद करेंगे: चिराग पासवान

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  • Publish Date - September 26, 2024 / 12:43 AM IST,
    Updated On - September 26, 2024 / 12:43 AM IST

मुंबई, 25 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने बुधवार को देश भर में जाति आधारित जनगणना की जोरदार वकालत करते हुए कहा कि इस प्रक्रिया से प्राप्त आंकड़ों से समाज के उन वर्गों की वास्तविक आबादी जानने में मदद मिलेगी, जिन्हें और अधिक उत्थान की आवश्यकता है।

मुंबई में ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने यह भी कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) बिहार में फिर से सरकार बनाएगा, जहां 2025 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पासवान ने जनता दल (यूनाइटेड) नेता और कभी अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा।

बिहार के दलित नेता ने कहा कि उनकी पार्टी समाज के एक खास वर्ग के प्रति प्रतिबद्ध है जिसका वह प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की प्राथमिकताएं समाज के उस वर्ग के लिए हमारी चिंताएं हैं जिसका हम प्रतिनिधित्व करते हैं। अगर उस वर्ग के साथ अन्याय होता है तो हमारी पार्टी की जिम्मेदारी है कि हम उस वर्ग की आवाज बनें।’’

पासवान ने कहा, ‘‘हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है – जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए, क्योंकि उस समुदाय के लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई नीतियां जाति के आधार पर बनाई जाती हैं। सरकार के पास कम से कम उस समुदाय की जनसंख्या का आंकड़ा तो होना ही चाहिए, ताकि उसके अनुसार धन आवंटित किया जा सके।’’

भाषा यासिर वैभव

वैभव