मुंबई, 20 जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम को गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत व्यक्तिगत रूप से आतंकवादी घोषित किया गया है और उससे या उसके गिरोह के साथ किसी तरह का जुड़ाव इस कठोर कानून के प्रावधान के दायरे में नहीं आएगा।
न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने 11 जुलाई के आदेश में महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) द्वारा अगस्त 2022 में हिरासत में लिए गए दो व्यक्तियों को जमानत दे दी। आदेश का विवरण शुक्रवार को उपलब्ध हुआ।
एटीएस ने दावा किया है कि फैज भिवंडीवाला और परवेज वईद, दाऊद इब्राहिम गिरोह के सदस्य थे। भिवंडीवाला के पास से 600 ग्राम गांजा जब्त किया गया था।
भिवंडीवाला और वईद, दोनों पर आतंकवादी संगठन का सदस्य होने, आतंकी कृत्य करने और अपराध के लिए धन जुटाने को लेकर यूएपीए तथा स्वापक औषधि मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
अपने फैसले में उच्च न्यायालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने चार सितंबर 2019 को एक अधिसूचना जारी कर ‘‘दाऊद इब्राहिम कासकर को यूएपीए के तहत ‘आतंकवादी’ घोषित किया था।’’
पीठ ने कहा कि यूएपीए ने व्यक्ति की गतिविधियों को अलग-अलग कर दिया है, एक ओर यह आतंकी कृत्य कहलाएगा, वहीं दूसरी ओर आतंकी गिरोह व आतंकवादी संगठन की गतिविधियां हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि प्रथम दृष्टया, यूएपीए की धारा 20 (आतंकवादी संगठन का सदस्य होना) नहीं लगती क्योंकि दाऊद इब्राहिम कासकर को उसकी व्यक्तिगत क्षमता में आतंकवादी घोषित किया गया है।’’
पीठ ने यह भी कहा कि अतिरिक्त सरकारी वकील एस वी गावंद ने एटीएस अधिकारी के निर्देश पर बयान दिया कि आरोपपत्र में यूएपीए की धारा 17 और 18 के तहत आरोपों को स्थापित करने वाली कोई सामग्री नहीं है जो आतंकवादी कृत्य करने और अपराध के लिए धन एकत्र करने से संबंधित है।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि एक आरोपी से कथित तौर पर जब्त किया गया प्रतिबंधित मादक पदार्थ कम मात्रा में था।
अदालत ने भिवंडीवाला और वईद को 50-50 हजार रुपये के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।
भाषा सुभाष नेत्रपाल
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