अजित पवार नीत राकांपा को महायुति से बाहर करने के लिए काम कर रहीं भाजपा और शिवसेना: राउत

अजित पवार नीत राकांपा को महायुति से बाहर करने के लिए काम कर रहीं भाजपा और शिवसेना: राउत

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  • Publish Date - September 23, 2024 / 06:24 PM IST,
    Updated On - September 23, 2024 / 06:24 PM IST

मुंबई, 23 सितंबर (भाषा) शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सोमवार को दावा किया कि भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना विधानसभा चुनाव से पहले अजित पवार नीत राकांपा को महायुति गठबंधन से बाहर करने के लिए काम कर रही हैं।

महायुति गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने राउत के दावों को खारिज किया और आरोप लगाया कि विपक्षी महा विकास आघाडी जीतने की संभावनाओं को लेकर असुरक्षा की भावना के कारण अफवाह फैला रहा है।

राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा इस्तेमाल करो और फेंको की रणनीति अपना रही है। भाजपा और शिंदे नीत शिवसेना क्रमबद्ध तरीके से अजित पवार की अगुवाई वाली राकांपा को गठबंधन से बाहर करने के लिए कदम उठा रही हैं।’’

उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को याद रखना चाहिए कि भाजपा का अगला निशाना उनकी शिवसेना हो सकती है।

राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने राउत के

दावों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा, शिवसेना और राकांपा गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इन अफवाहों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। भाजपा, शिवसेना और राकांपा एक साथ हैं और वे एक गठबंधन में चुनाव लड़ते रहेंगे।’’

तटकरे ने कहा कि विपक्ष इस तरह के बयान दे रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि चुनाव के बाद उनके सत्ता में लौटने की कोई संभावना नहीं है।

वरिष्ठ विधायक और भाजपा नेता आशीष शेलार ने भी इसे अफवाह बताकर खारिज करते हुए दावा किया कि कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) ने शिवसेना (यूबीटी) की मदद के बिना विधानसभा चुनाव लड़ने पर बातचीत की है।

भाजपा की मुंबई इकाई के अध्यक्ष शेलार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा के अजित पवार नीत राकांपा से संबंध तोड़ने की बात महज अफवाह है। विपक्षी गठबंधन एमवीए के पास हमें चुनौती देने के लिए आधार नहीं बचा है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से एमवीए के मुख्यमंत्री के चेहरे की घोषणा को लेकर मुलाकात की थी। लेकिन शरद पवार ने उनकी उपेक्षा की और कांग्रेस ने भी उनसे दूरी बनाए रखी।’’

भाषा वैभव अविनाश

अविनाश