पुणे, सात अक्टूबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को पार्टी के पूर्व नेता और राकांपा (एसपी) में शामिल हुए हर्षवर्धन पाटिल की सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाया, जिन्होंने महायुति उम्मीदवार के खिलाफ लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले की अप्रत्यक्ष रूप से मदद करने की बात स्वीकार की है।
भाजपा ने पाटिल के पार्टी छोड़कर शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) में शामिल होने के पीछे उनकी ‘‘सत्ता के लिए व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा’’ को जिम्मेदार ठहराया।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता एवं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पूर्व विधायक पाटिल इंदापुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए टिकट चाह रहे थे।
इंदापुर में राकांपा (एसपी) में शामिल होने के मौके पर पाटिल ने शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले की जीत सुनिश्चित करने में अपने ‘‘अप्रत्यक्ष’’ समर्थन को वस्तुतः स्वीकार किया।
सुप्रिया सुले ने लोकसभा चुनाव में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को उनके गृह क्षेत्र बारामती से 1.5 लाख से अधिक मतों से हराया था।
भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा, ‘‘हर्षवर्धन पाटिल की टिप्पणी शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) के लिए भी चौंकाने वाली हो सकती है, क्योंकि उन्होंने उस भाजपा के प्रति निष्ठा नहीं दिखाई, जिसने उन्हें सम्मान और पद दिया था।’’
महायुति में भाजपा, शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा शामिल हैं। विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी में राकांपा (एसपी), शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस शामिल हैं।
सतारा में पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा कि पाटिल ने सोचा होगा कि इंदापुर निर्वाचन क्षेत्र मौजूदा विधायक को आवंटित किया जा सकता है, क्योंकि हर कोई विधायक बनने की आकांक्षा रखता है।
लोकसभा चुनाव के दौरान सुले को ‘‘अप्रत्यक्ष समर्थन’’ देने संबंधी पाटिल की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने यह कहते हुए जवाब देने से मना कर दिया कि उन्होंने इस टिप्पणी के बारे में नहीं सुना।
भाषा
देवेंद्र माधव
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