भाजपा क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को खत्म करने के लिए हिंदी को थोप रही : सपकाल

भाजपा क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को खत्म करने के लिए हिंदी को थोप रही : सपकाल

भाजपा क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को खत्म करने के लिए हिंदी को थोप रही : सपकाल
Modified Date: April 18, 2025 / 07:05 pm IST
Published Date: April 18, 2025 7:05 pm IST

मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने शुक्रवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हिंदी थोपकर क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि ‘महायुति’ सरकार को विद्यालयों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी को अनिवार्य बनाने के फैसले को वापस लेना चाहिए।

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी मराठी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों में पहली से पांचवी कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए तीसरी भाषा के रूप में हिंदी अनिवार्य करने का फैसला लिया है। इससे पहले राज्य में दो भाषाओं की पढ़ाई पांचवी कक्षाओं तक थी।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत महाराष्ट्र के विद्यालयों में पहली से पांचवी कक्षा के लिए त्रि-भाषा फॉर्मूला लागू किया गया है। वर्तमान में, इन विद्यालयों में पहली से चौथी कक्षाओं में केवल मराठी और अंग्रेजी की पढ़ाई अनिवार्य है।

सपकाल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मराठी भाषा महाराष्ट्र की ‘अस्मिता’और संस्कृति है, लेकिन भाजपा सरकार इसे चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है। विविधता में एकता हमारी पहचान है और भाजपा इसे मिटाने का प्रयास कर रही है। भाजपा क्षेत्रीय संस्कृति और भाषाओं को खत्म करना चाहती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पहली ही कक्षा से हिंदी अनिवार्य करना गलत निर्णय है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए। सरकार दोहरे मापदंड कैसे अपना सकती है? एक तरफ तो वह मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देती है, वहीं दूसरी तरफ लोगों को इससे दूर रखती है।’’

सपकाल ने कहा,‘‘लेकिन कांग्रेस हिंदी, हिंदू और हिंदू राष्ट्र थोपने के भाजपा के एजेंडे का विरोध करेगी। अगर दक्षिण में हिंदी थोपने का विरोध किया जाता है, तो महाराष्ट्र में इसे क्यों थोपा जा रहा है? क्या मराठीभाषी हिंदू नहीं हैं?’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि भाषा संचार और संस्कृति का माध्यम है। उन्होंने कहा कि अगर बच्चों को एक समय में तीन भाषाएं पढ़ने को कहा जाएगा तो वे अन्य विषयों के लिए कैसे समय निकाल पाएंगे।

सपकाल ने कहा कि अगर बच्चों पर चीजें जबरन थोपी जाएंगी तो वे बुनियादी ज्ञान से दूर हो जाएंगे।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश


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