मुंबई, 13 जनवरी (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीड जिले में मस्साजोग के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) एवं पुलिस अधीक्षक नवनीत कांवट को निर्देश दिया है कि वे दोषियों की सजा सुनिश्चित करें।
देशमुख को नौ दिसंबर को यहां से करीब 380 किलोमीटर दूर बीड जिले में एक पवन चक्की परियोजना का संचालन कर रही एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली के प्रयास को रोकने के लिए अगवा कर लिया गया था। उन्हें प्रताड़ित किया गया और बाद में उनकी हत्या कर दी गई।
पुलिस ने हत्या और जबरन वसूली का मामला दर्ज किया है।
हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि जबरन वसूली के मामले में कथित संलिप्तता के लिए तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है।
सूत्रों ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत रूप से एसपी कांवट और एसआईटी प्रमुख को मामले की प्रगति की समीक्षा करने के लिए बुलाया है।
यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में है और आरोपियों के कथित राजनीतिक संबंधों को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष के बीच खींचतान का केंद्र बना हुआ है।
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने बताया, ‘‘फडणवीस ने अधिकारियों से कहा है कि दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति पर कोई दया नहीं दिखाई जानी चाहिए। सभी जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड भी शामिल हैं।
कराड की पुलिस हिरासत मंगलवार को खत्म होगी, जिसके बाद उन्हें अदालत में पेश किया जाएगा।
मराठा समुदाय के कुछ नेताओं ने दिन में सरपंच हत्या मामले में कराड का नाम आरोपी के रूप में शामिल करने की मांग को लेकर यहां सह्याद्री गेस्ट हाउस में फडणवीस से मुलाकात की।
मृतक संतोष देशमुख के भाई धनंजय देशमुख ने सोमवार को पानी की टंकी पर चढ़कर जांच में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कूदने की धमकी दी।
धनंजय ने दावा किया कि जांच का विवरण उनके परिवार के साथ साझा नहीं किया गया।
उन्होंने यह भी मांग की कि कराड सहित जबरन वसूली मामले के आरोपियों पर हत्या का आरोप लगाया जाए।
मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे और एसपी कांवट ने मौके पर पहुंचकर धनंजय देशमुख को नीचे उतरने के लिए राजी किया।
पुलिस ने शनिवार को सरपंच हत्या मामले में सभी आठ आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत कठोर कार्रवाई की।
भाषा सुरेश माधव
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