बीड सरपंच हत्या: फरार आरोपियों समेत तीन लोगों को दो शहरों से गिरफ्तार किया गया

बीड सरपंच हत्या: फरार आरोपियों समेत तीन लोगों को दो शहरों से गिरफ्तार किया गया

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  • Publish Date - January 4, 2025 / 05:36 PM IST,
    Updated On - January 4, 2025 / 05:36 PM IST

मुंबई, चार जनवरी (भाषा) पुलिस ने बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या में शामिल दो फरार आरोपियों सहित तीन लोगों को पुणे और कल्याण से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि दो वांछित आरोपियों सुदर्शन चंद्रभान घुले (26) और सुधीर सांगले (23) को पुणे से पकड़ा गया, जबकि सिद्धार्थ सोनवणे को ठाणे जिले के कल्याण से पकड़ा गया।

घुले और सांगले का नाम हत्या के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में दर्ज है, जबकि सोनवणे का नाम जांच के दौरान सामने आया।

सूत्रों ने बताया कि पुलिस को संदेह है कि मसाजोग गांव निवासी सोनवणे सरपंच देशमुख की गतिविधियों पर नजर रखता था और अन्य आरोपियों को इसकी जानकारी देता था।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सुदर्शन चंद्रभान घुले और सुधीर सांगले को गिरफ्तार कर उन्हें आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के विशेष जांच दल (एसआईटी) को सौंप दिया है।

पुलिस ने हत्या के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है और एक अन्य आरोपी अब भी फरार है।

एक पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बीड पुलिस की एक टीम ने सिद्धार्थ सोनवणे को मुंबई के निकट कल्याण से गिरफ्तार किया।

पुलिस ने पहले जयराम माणिक चांगे (21), महेश सखाराम केदार (21), प्रतीक घुले (24) और विष्णु चाटे (45) को गिरफ्तार किया था जबकि एक अन्य आरोपी कृष्णा आंधले अब भी फरार है।

बीड जिले में केज तहसील स्थित मसाजोग गांव के सरपंच देशमुख को अगवा कर लिया गया था और नौ दिसंबर को उनकी हत्या कर दी गई थी। एक पवन चक्की कंपनी से कुछ लोगों द्वारा जबरन वसूली किए जाने का विरोध करने को लेकर देशमुख की हत्या की गई।

महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया गया है।

फरार तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए कई पुलिस दलों को तैनात किया गया था। उन्हें पकड़ने के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया था।

अधिकारी ने बताया कि जांच दल ने फरार लोगों का पता लगाने के लिए तीन लोगों से पूछताछ की, मुखबिरों की मदद ली और प्रौद्योगिकी की मदद से दोनों आरोपियों को पकड़ा।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नांदेड़ जिले से पकड़ा गया एक ‘‘चिकित्सक’’ एक अहम कड़ी साबित हुआ, जिसकी मदद से पुलिस ने पुणे में दो आरोपियों को पकड़ा।

बीड पुलिस के सूत्रों ने कहा, ‘‘जांच के दौरान सुदर्शन घुले के साथ डॉ. संभाजी वैभासे के कथित संबंध का पता चलने के बाद पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर नजर रखी।’’

उन्होंने बताया कि पूछताछ के बाद पुलिस ने वैभासे को सीआईडी ​​को सौंप दिया। उन्होंने विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया। पुलिस को संदेह है कि वैभासे ने हत्या के बाद घुले को भागने में मदद की थी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक सुरेश धस ने संतोष देशमुख की हत्या मामले में पुणे से दो लोगों की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे पर शनिवार को फिर निशाना साधा। धस ने आरोप लगाया कि दोनों लोग महज ‘‘मोहरे’’ हैं, जबकि ‘‘आका’’ खुलेआम घूम रहा है।

राकांपा विधायक प्रकाश सोलंके ने शनिवार को सुझाव दिया कि देशमुख हत्याकांड में निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए पार्टी नेता एवं मंत्री धनंजय मुंडे को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए।

सोलंके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पहले और महायुति गठबंधन के ऐसे दूसरे नेता हैं, जिन्होंने बीड जिले से विधायक मुंडे पर निशाना साधा है। भाजपा विधायक सुरेश धस बीड में हुई वारदात के लिए मुंडे का नाम लिए बिना उनकी आलोचना करते रहे हैं।

इसके अलावा, देशमुख हत्या मामले की गहन जांच की मांग को लेकर एक सर्वदलीय मार्च परभणी शहर में निकाला गया।

इस बीच, दिवंगत सरपंच के भाई धनंजय देशमुख ने शनिवार को कहा कि मामले की जांच पारदर्शी होनी चाहिए और आरोपियों की मदद करने वाले लोगों के भी नाम उजागर किए जाने चाहिए।

धनंजय देशमुख ने पत्रकारों से कहा, ‘‘एक आरोपी अब भी फरार है, ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने हत्या से पहले और बाद में इन लोगों की मदद की है। अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह एक संगठित अपराध है। इस मामले में आखिरी आरोपी के पकड़े जाने के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। मामले में संलिप्त लोगों की संख्या भी बढ़ जाएगी।’’

उन्होंने कहा कि आरोपियों को पुणे से पकड़ा गया था। उन्होंने सवाल किया कि उनकी मदद कौन कर रहा था।

उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक सभी (आरोपी) पुणे में पकड़े गए हैं। इसका मतलब है कि वे सभी एक ही जगह पर थे। किसी ने उन्हें वहां सुरक्षित रखा था और इन आरोपियों की मदद करने वालों के नाम का खुलासा किया जाना चाहिए।’’

भाषा सिम्मी सुभाष

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