मुंबई: maharashtra mla shocking remarks on women महाराष्ट्रे में एक निर्दलीय विधायक ने महिलाओं की शक्ल और सूरत को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है। इस विधायक को महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजित पवार का समर्थक माना जाता है। उनके बयान के बाद राज्य के राजनीतिक गलियारों में विधायक की जमकर आलोचना हो रही है।
वरुड-मोर्शी से निर्दलीय विधायक देवेन्द्र भुयार ने बुधवार को विवादित बयान दिया कि एक खूबसूरत लड़की किसान के बेटे से शादी नहीं करना चाहती है और इस वजह से किसान के बेटे को घटिया दुल्हन से समझौता करना पड़ता है। विधायक भुयार ने कहा कि खूबसूरत लड़कियां स्थायी नौकरी वाले व्यक्ति से शादी करना पसंद करती हैं। उन्होंने ये बातें एक सार्वजनिक सभा में कही हैं, जिसका वीडियो जमकर वायरल हो रहा है।
उन्होंने किसानों की समस्याओं के बारे में बात करते हुए यह टिप्पणी की। वे अपने निर्वाचन क्षेत्र वरुद तहसील में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। देवेंद्र भुयार ने सभा में कहा कि एक खूबसूरत लड़की “मेरे और आपके जैसे” व्यक्ति से शादी नहीं करेगी। उन्होंने दावा किया कि वह एक ऐसा पति चुनेगी जो नौकरी करता हो।
maharashtra mla shocking remarks on women उन्होंने कहा कि दूसरे नंबर की लड़कियां किसी ऐसे व्यक्ति से शादी करती हैं जो किराने की दुकान या पान की दुकान चलाता हो। उन्होंने कहा कि तीसरे दर्जे की महिलाएं किसानों से शादी करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह के विवाह से पैदा होने वाले बच्चे सुंदर नहीं होते हैं।
विधायक देवेन्द्र भुयार के इस बयान के बाद अब महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारे में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। उद्धव ठाकरे समूह की नेता सुषमा अंधारे ने इसकी आलोचना की है और कहा है कि भुयार का यह बयान किसान के बच्चों का मजाक है और महिलाओं का अपमान है। इस तरह के वाक्यांश उस अहंकार से आते हैं कि शासकों को यकीन है कि चाहे वे कुछ भी करें, उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा। अंधारे ने यह भी पूछा कि क्या आपका एजेंडा किसानों और महिलाओं का मजाक उड़ाना है।
इधर कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र की पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री यशोमति ठाकुर ने भी महिलाओं के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भुयार की आलोचना की है। उन्होंने पूछा कि क्या महिलाएं उपभोग का साधन हैं? उसी जिले से विधायक ठाकुर ने कहा, “अजित पवार और सत्ता में बैठे लोगों को अपने विधायकों को नियंत्रण में रखना चाहिए। महिलाओं का ऐसा वर्गीकरण कोई भी बर्दाश्त नहीं करेगा। समाज आपको सबक सिखाएगा।”