बावनकुले और दारेकर ने किया दावा, एमवीए नेता महायुति में हो सकते हैं शामिल |

बावनकुले और दारेकर ने किया दावा, एमवीए नेता महायुति में हो सकते हैं शामिल

बावनकुले और दारेकर ने किया दावा, एमवीए नेता महायुति में हो सकते हैं शामिल

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Modified Date: December 11, 2024 / 10:32 PM IST
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Published Date: December 11, 2024 10:32 pm IST

मुंबई, 11 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और उनके सहयोगी प्रवीण दारेकर ने बुधवार को दावा किया कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के कई सांसदों और विधायकों ने उनसे संपर्क कर अपनी-अपनी पार्टियों से नाराजगी जताई है।

कांग्रेस ने भाजपा नेताओ के इन दावों को खारिज कर दिया और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने इन्हें ‘बेतुका’ करार दिया।

बावनकुले ने कहा, ‘‘एमवीए के नेता खुद अपनी बेचैनी जाहिर कर रहे हैं और कई लोग (पाला बदलने के लिये) भाजपा के संपर्क में हैं।’’

हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राकांपा (एसपी) की एमवीए ने बेहद खराब प्रदर्शन किया और 288 सीटों में से केवल 46 सीटें ही जीत पाई। इसके विपरीत, भाजपा, शिवसेना और राकांपा गठबंधन महायुति ने 230 सीटें जीतीं। चुनाव के नतीजों ने एमवीए विधायकों के सत्तारूढ़ गठबंधन में जाने की अटकलों को हवा दे दी है।

बावनकुले ने कहा, ‘‘एमवीए नेताओं को पार्टी बदलने के लिए मनाने का कोई संगठित प्रयास नहीं किया गया है। भाजपा विकसित देश के लिए उनके विजन के साथ जुड़ने की इच्छा रखने वालों का स्वागत करने के लिए तैयार है।’’

पटोले ने कहा कि बावनकुले का दावा जवाब देने लायक नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र के सभी कांग्रेस सांसद पार्टी के साथ हैं। हम नागपुर में महाराष्ट्र विधानमंडल के आगामी शीतकालीन सत्र में महायुति की वास्तविक स्थिति दिखाएंगे।’’

इससे पहले, भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने बुधवार को संकेत दिया कि विकास अगर उनकी प्राथमिकता है तो शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के कुछ सांसद निष्ठा बदल कर उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

दारेकर ने कहा कि महा विकास आघाडी के कई सांसद, खासकर राकांपा (सपा) के उन निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में सबसे अधिक सीटें जीती हैं।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अगर विकास उनकी प्राथमिकता है, तो वे अपने राजनीतिक भविष्य पर सावधानी से विचार कर सकते हैं, क्योंकि केंद्र में और राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार है।’’

इस पर प्रतिक्रिया देते हुये राकांपा (एसपी) नेता विद्या चव्हाण ने दारेकर के दावों को खारिज कर दिया।

विद्या ने कहा, ‘‘भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेताओं के साथ एक कमजोर गठबंधन है। सरकार को उनका समर्थन खोने का डर है, यही वजह है कि वे (विपक्षी दलों के सांसदों को लुभाने की) ऐसी रणनीति अपनाते हैं।’’

राकांपा (एसपी) नेता ने कहा, ‘‘हमारे सांसद दृढ़ हैं और गठबंधन को धोखा नहीं देंगे।’’

भाजपा नेताओं की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि अगर भगवा पार्टी एमवीए विधायकों को लुभाने के लिए पैसे और राजनीतिक शक्ति का इस्तेमाल करके ‘ऑपरेशन लोटस’ शुरू करने की योजना बना रही है, तो लोग उन्हें उचित समय पर करारा जवाब देंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘यह अब कोई रहस्य नहीं है कि देश में तानाशाही ने अपने पैर जमा लिए हैं।’’

भाषा रंजन रंजन पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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