(तस्वीरों के साथ)
मुंबई, 13 अक्टूबर (भाषा) मुंबई पुलिस ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या की विभिन्न पहलुओं से जांच शुरू कर दी है जिसमें सुपारी लेकर हत्या, कारोबारी प्रतिद्वंद्विता या एक बस्ती की पुनर्वास परियोजना को लेकर मिली धमकी के पहलू भी शामिल हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा में तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या एक पूर्व नियोजित साजिश के तहत किये जाने का संदेह है।
छात्र जीवन से ही कांग्रेस का सदस्य रहे सिद्दीकी इस साल फरवरी में अजित पवार नीत राकांपा में शामिल हो गए थे। उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी।
इस चौंकाने वाली घटना के बाद विपक्ष ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाया है। राज्य में अगले महीने विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं।
पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (66) बॉलीवुड सितारों के बीच काफी लोकप्रिय थे और कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने पीड़ितों की विभिन्न प्रकार से सेवाएं करके काफी तारीफ बटोरी थी।
बाबा सिद्दीकी को मुंबई में बांद्रा इलाके के खेर नगर में उनके बेटे एवं विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर शनिवार रात को तीन लोगों ने गोली मार दी थी।
उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया था जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने दो कथित हमलावरों को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह (23) और उत्तर प्रदेश निवासी धर्मराज राजेश कश्यप (19) के रूप में की गयी है जबकि एक अन्य आरोपी फरार है और उसे पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की हत्या समेत संबंधित धाराओं, शस्त्र अधिनियम और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम को सिद्दीकी की हत्या की जांच में मदद करने के वास्ते मुंबई भेजने की तैयारी है।
एक अधिकारी ने बताया कि राकांपा नेता सिद्दीकी का शव पोस्टमार्टम के लिए रविवार सुबह करीब छह बजे लीलावती अस्पताल से कूपर अस्पताल ले जाया गया।
मुंबई के लीलावती अस्पताल के एक चिकित्सक ने कहा है कि सिद्दीकी की मौत संभवतः अस्पताल में भर्ती कराए जाने से पहले ही हो गयी थी।
उन्होंने बताया कि सिद्दीकी को शनिवार रात गोली लगने के बाद जब लीलावती अस्पताल लाया गया, तब वह बेहोश थे। उन्होंने बताया कि चिकित्सकों ने उन्हें बचाने की करीब दो घंटे तक कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि सिद्दीकी को अचेत अवस्था में रात साढ़े नौ बजे लीलावती अस्पताल के आपातकालीन चिकित्सा सेवा विभाग में भर्ती कराया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि उस समय उनकी नब्ज, हृदय गति नहीं चल रही थी, रक्तचाप भी नहीं था और उनके सीने में गोली लगने के घाव थे।
उन्होंने बताया कि सिद्दीकी का काफी खून बह गया था और उन्हें होश में लाने की कोशिशें तुरंत शुरू की गयी थी। उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती कराया गया लेकिन सभी प्रयासों के बावजूद चिकित्सक उन्हें बचा नहीं पाए और शनिवार रात 11 बजकर 27 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद फॉरेंसिक विशेषज्ञों का एक दल अपराध स्थल पर पहुंचा और नमूने एकत्रित किए। पुलिस हमले के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए आसपास के इलाकों की सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
उन्होंने बताया कि हमलावरों ने 9.9 एमएम की पिस्तौल से चार से पांच गोलियां चलायीं। पुलिस ने पिस्तौल बरामद कर ली है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि हमलावरों ने सिद्दीकी पर तब गोलियां चलायी जब लोगों ने दुर्गा विसर्जन की शोभायात्रा के दौरान पटाखे फोड़ने शुरू किए।
पुलिस ने बताया कि उन्होंने इस मौके का फायदा उठाया क्योंकि तब ज्यादातर लोगों ने पटाखे फोड़े जाने के कारण गोलियां चलने की आवाज नहीं सुनी।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस हमले को अत्यधिक दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताया।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह घटना बेहद खेदजनक है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पुलिस को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि कोई भी किसी भी परिस्थिति में कानून अपने हाथों में न ले। हम अपने शहर में गिरोहों के बीच किसी भी प्रकार की लड़ाई को फिर से उभरने नहीं दे सकते।’’
देश में जब कोविड-19 का प्रकोप चरम पर था तो बाबा सिद्दीकी ने जरूरतमंद मरीजों के लिए उन दवाओं की व्यवस्था की थी, जिनकी बड़े पैमाने पर आवश्यकता थी।
सिद्दीकी रमजान के महीने में भव्य इफ्तार का आयोजन करने के लिए भी जाने जाते थे। इसमें बॉलीवुड की जानी-मानी हस्तियां शामिल होती थी।
मुंबई के एक प्रमुख मुस्लिम नेता सिद्दीकी को सलमान खान, शाहरुख खान और संजय दत्त सहित बॉलीवुड के कई सितारों के करीबी के रूप में भी जाना जाता था।
सिद्दीकी की हत्या पिछले तीन दशक में मुंबई में किसी हाई-प्रोफाइल नेता की हत्या का पहला मामला है जिसने पूरे राज्य को चौंका दिया है।
इससे पहले 90 के शुरुआती दशक में बांद्रा और खेतवाडी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन विधायक क्रमश: रामदास नायक और प्रेमकुमार शर्मा की भी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
शिवसेना विधायक रहे विठ्ठल चह्वाण और रमेश मोरे की भी मुंबई में 90 के दशक में गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल ने पूछा कि जब सत्तारूढ़ गठबंधन का नेता ही सुरक्षित नहीं है तो सरकार आम आदमी को कैसे सुरक्षित रख सकती है?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सिद्दीकी का निधन चौंका देने वाला है, जिसे शब्दों में भी बयां नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा, ‘‘उनके परिवार को न्याय मिलना चाहिए और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को इस घटना की गहन और पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए। दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। जवाबदेही सर्वोपरि है।’’
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने दावा किया कि सिद्दीकी की हत्या से पता चलता है कि ‘‘मुंबई में पूरी तरह अराजकता व्याप्त है।’’
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कानून का राज खत्म हो गया है। मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।’’
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने पूछा कि यदि सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति का ऐसा अंजाम होगा तो आम लोग कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?
भाषा गोला प्रशांत
प्रशांत