अमरावती, 22 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने मंगलवार को वादा किया कि ड्रोन उद्योग को बढ़ाने और प्रदेश को ‘ड्रोन हब’ में बदलने के लिए वह सबसे अच्छे ‘एंबेसडर’ होंगे।
नायडू ने गुंटूर जिले के मंगलागिरी में दो दिवसीय राष्ट्रीय ड्रोन शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आंध्र प्रदेश ड्रोन अनुप्रयोगों के लिए परीक्षण स्थल होगा।
उन्होंने कहा ‘‘ आपने जिन ड्रोनों का इस्तेमाल किया है उन्हें हमें दीजिए हम उनका परीक्षण करेंगे।’’
नायडू ने कहा कि राज्य सरकार 22 और 23 अक्टूबर को हो रहे इस दो दिवसीय सम्मेलन में इस्तेमाल किए गए 150 ड्रोनों को रखने के लिए तैयार है।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ड्रोन उद्योग भविष्य का रुख बदलने वाला साबित होगा।
उन्होंने कहा कि इन मानवरहित हवाई वाहनों के कई उपयोग हैं।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) पार्टी के प्रमुख ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य 20,000 ड्रोन पायलटों को प्रमाण पत्र सौंपना और ड्रोन निर्माण में 80 प्रतिशत स्वदेशीकरण हासिल करना है।
भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय को 300 एकड़ जमीन आवंटित करने का वादा करते हुए नायडू ने केंद्र से कुरनूल जिले के ओर्वाकल में एक ड्रोन प्रमाणन केंद्र स्थापित करने का अनुरोध किया।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ड्रोन कंपनियों से अपील की कि वे अपनी लागत को उचित रखें तथा इस तकनीक को व्यापक रूप से अपनाने के लिए लालच से बचें।
इससे पहले, नागर विमानन मंत्री के राम मोहन नायडू ने कहा कि सरकार ड्रोन आयात नहीं करना चाहती है, क्योंकि वह चाहती है कि देश के लोग ही इनका निर्माण करें।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि केंद्र ने ड्रोन परिवेशी तंत्र के लिए नियमों को उदार बनाया है और 27 कंपनियों को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से लाभान्वित करने में सक्षम बनाया है।
यह देखते हुए कि भारत पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन हब के रूप में उभरा है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार इस उद्योग को और आगे बढ़ाना चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘भविष्य में आंध्र प्रदेश में ड्रोन हब बनने की संभावना है… हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आंध्र प्रदेश अपनी क्षमता के अनुसार विकास करे।’ उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि दक्षिणी राज्य दुनिया का ड्रोन हब बनकर उभरे।
इस मेगा-ड्रोन शिखर सम्मेलन में ड्रोन हैकथॉन, प्रदर्शनियाँ और उद्योग विशेषज्ञों की भागीदारी होगी।
शिखर सम्मेलन में 1,711 प्रतिनिधियों और 1,306 आगंतुकों के भाग लेने की उम्मीद है।
भाषा
योगेश मनीषा
मनीषा