अमरावती, 15 अक्टूबर (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर राज्य में हाल में हुई बलात्कार की दो सनसनीखेज घटनाओं की सुनवाई के लिए एक फास्ट-ट्रैक अदालत स्थापित करने का अनुरोध करेगी।
राज्य की गृह मंत्री वंगालापुडी अनिता ने बताया कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया है कि श्री सत्य साईं और बापटला जिलों में हुई दुष्कर्म की कथित घटनाओं के आरोपियों को यथाशीघ्र सजा मिल सके।
आरोप है कि 12 अक्टूबर को श्री सत्य साईं जिले के चिलामथुर मंडल में तीन नाबालिगों समेत पांच चोरों के एक गिरोह ने एक महिला और उसकी बहू के साथ दुष्कर्म किया। इससे पहले जून में बापटला जिले के एपुरुपालेम गांव में 21 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी।
अनिता ने कहा कि इन दोनों मामलों को फास्ट ट्रैक अदालत को सौंपा जाएगा और इससे यह संदेश जाएगा कि अपराधी लंबे समय तक चलने वाले अदालती मामलों तथा आसानी से मिलने वाली जमानत के जरिए सजा से बच नहीं सकते।
सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अनीता ने कहा, ‘आरोपी व्यक्तियों को दंड दिलाना सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ने यह निर्णय लिया है। सरकार फास्ट-ट्रैक अदालत के लिए उच्च न्यायालय को पत्र लिखेगी। यह फास्ट-ट्रैक अदालत स्थापित करने का अनुरोध इस (श्री सत्यसाईं जिला) मामले और बापटला के एक अन्य मामले के लिए है, जहां एक महिला के साथ बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई।’
गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस ने श्री सत्य साई जिला मामले में पांच आरोपियों को प्रौद्योगिकी की मदद तथा 48 घंटे में लगभग 200 किलोमीटर तक उनका पीछा करके पकड़ लिया।
उन सभी को हिरासत में लिया गया और उनमें से एक के खिलाफ बलात्कार तथा चोरी सहित 32 मामले दर्ज थे।
अनिता ने बताया कि नायडू चाहते हैं कि जहां भी सीसीटीवी उपलब्ध नहीं है, वहां निगरानी बढ़ाने के लिए अधिकारी ड्रोन का इस्तेमाल करें। उन्होंने लोगों से अपराधों के साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए मोबाइल फोन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने का आह्वान किया।
इसके अलावा उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार सरकारी कार्यालयों, महिला छात्रावासों आदि जैसे स्थानों पर अधिक कैमरे लगाकर सीसीटीवी निगरानी को तेज करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी अपराधी जुर्म करने के बाद फरार ना हो पाए।
भाषा
योगेश माधव
माधव