आंध्र प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त धान खरीद, कृष्णा नदी पर तटबंध के लिए 700 करोड़ रुपये मंजूर किये

आंध्र प्रदेश सरकार ने अतिरिक्त धान खरीद, कृष्णा नदी पर तटबंध के लिए 700 करोड़ रुपये मंजूर किये

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  • Publish Date - January 17, 2025 / 08:26 PM IST,
    Updated On - January 17, 2025 / 08:26 PM IST

अमरावती, 17 जनवरी (भाषा) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमंडल की हुई बैठक में अतिरिक्त धान खरीद के लिए नागरिक आपूर्ति निगम को 700 करोड़ रुपये के ऋण के हस्तांतरण, 63 अन्ना कैंटीन की स्थापना और कृष्णा नदी के दाहिने किनारे पर तटबंध निर्माण सहित अन्य फैसलों को मंजूरी दी गयी। सूचना एवं जनसंपर्क (आई एंड पीआर) मंत्री के. पार्थसारथी ने यह जानकारी दी।

मंत्री ने सचिवालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 700 करोड़ रुपये के हस्तांतरण का उद्देश्य 2024-25 खरीफ सत्र के दौरान धान की खरीद करना है।

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार ने धान खरीद को अहम मुद्दे के रूप में लिया है। देश में किसी भी अन्य जगह के विपरीत चंद्रबाबू नायडू की सरकार एकमात्र ऐसी सरकार है, जिसने किसानों को खरीदे गए धान के लिए 24 घंटे के भीतर और कुछ मामलों में छह से सात घंटे के भीतर भुगतान किया है।’’

पार्थसारथी के अनुसार, दक्षिणी राज्य ने 29 लाख टन धान की खरीद के लिए 4.6 लाख किसानों को पहले ही 6,200 करोड़ रुपये दे दिए हैं।

इसी तरह, मंत्रिमंडल ने 63 निर्वाचन क्षेत्रों में 63 और अन्ना कैंटीन की स्थापना को मंजूरी दी, जो गरीब लोगों को रियायती दर पर भोजन मुहैया कराते हैं।

प्रत्येक अन्ना कैंटीन की लागत 61 लाख रुपये होगी और इन कैंटीन की कुल लागत 38 करोड़ रुपये होगी।

पार्थसारथी ने कहा कि अन्ना कैंटीन के लिए एक अलग सोसाइटी की स्थापना की जाएगी, जिसमें प्रबंधन और सलाहकार समितियां होंगी ताकि उनके संचालन सुचारु तरीके से किया जा सके व उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

मंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल ने ‘एपी फेरो अलॉयज प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन’ को 31 मार्च, 2025 तक छह महीने के लिए शुल्क और बिजली कर छूट को मंजूरी दे दी है।

उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य पर 300 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।

इसी तरह, मंत्रिमंडल ने गुंटूर जिले के ताडेपल्ली गांव में कृष्णा नदी के दाहिने किनारे पर तटबंध बनाने के लिए 294 करोड़ रुपये मंजूर किए।

यह दीवार प्रकाशम बैराज के 0.9 किलोमीटर से 2.61 किलोमीटर निचले बहाव तक बनाई जाएगी ताकि दाहिने किनारे को बाढ़, कटाव और संपत्ति के नुकसान से बचाया जा सके।

भाषा जितेंद्र धीरज

धीरज