अमरावती, 22 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश विधानसभा का दूसरा सत्र सोमवार को हंगामेदार तरीके से शुरू हुआ, जब युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के सदस्यों ने राज्य में उसके कार्यकर्ताओं पर कथित हमलों के खिलाफ नारे लगाए और फिर सदन से बहिर्गमन कर दिया।
राज्यपाल एस अब्दुल नजीर ने सोमवार को विधानसभा और विधान परिषद दोनों सदनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सरकार सार्थक विचार-विमर्श के बाद बजट पेश करने का प्रस्ताव कर रही है।’’
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू सत्र के दौरान कानून-व्यवस्था, आबकारी और राज्य के वित्त पर तीन श्वेतपत्र जारी कर सकते हैं।
सत्र में अनुभवी विधायकों के साथ 88 नये विधायक और नौ विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) भी हिस्सा लेंगे।
वाईएसआरसीपी प्रमुख वाई एस जगनमोहन रेड्डी और विपक्षी पार्टी के विधायक काले ‘स्कार्फ’ पहनकर विधानसभा पहुंचे।
राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर ‘‘लोकतंत्र बचाओ’’ के नारे लगाते हुए रेड्डी और वाईएसआरसीपी विधायकों ने विधानसभा की ओर मार्च किया।
हालांकि, पुलिस ने उन्हें विधानसभा के गेट पर रोक दिया।
वाईएसआरसीपी की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘पुलिस ने वाईएसआरसीपी के विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के हाथों में मौजूद तख्तियां छीनकर फाड़ दीं। वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने पुलिस से सवाल किया कि उसे ऐसा करने का अधिकार किसने दिया।’’
वाईएसआरसीपी प्रमुख ने एक पुलिस अधिकारी को कथित तौर पर तख्तियां फाड़ने के खिलाफ चेतावनी दी और उसे फटकार लगाई।
सदन में राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही विपक्षी पार्टी के नेताओं ने ‘हत्या की राजनीति बंद होनी चाहिए’ और ‘लोकतंत्र बचाओ’ के नारे लगाए।
विरोध के बाद वाईएसआरसीपी सदस्यों ने रेड्डी के नेतृत्व में विधानसभा से बहिर्गमन किया।
भाषा यासिर पारुल
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