मुंबई, 10 नवंबर (भाषा) कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस दावे को खारिज कर दिया जिसके मुताबिक मुख्य विपक्षी पार्टी ने नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने की उलेमा परिषद की मांग को स्वीकार कर लिया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मुख्य रणनीतिकार शाह ने बुलढाना के मल्कापुर में रविवार दोपहर आयोजित चुनावी रैली को संबोधित करते हुए दावा किया था कि पटोले ने मुस्लिम आरक्षण की उलेमा काउंसिल की मांग पर सहमति जताई है।
शाह ने कहा, ‘‘पटोले ने एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण समाप्त करने और इसे उलेमा काउंसिल की मांग के अनुसार मुसलमानों को देने पर सहमति जताई है।’’
उन्होंने जनसभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़े वर्गों के लाभों को खत्म कर देगी, क्योंकि कोटे पर 50 प्रतिशत की सीमा है और इसमें कोई भी वृद्धि मौजूदा कोटे की कीमत पर होगी।
शाह ने कहा कि महा विकास आघाडी नेताओं की सत्ता की लोलुपता ने उनके कार्यों से कमजोर समुदायों पर पड़ने वाले दीर्घकालिक परिणामों के प्रति अंधा बना दिया है।
पटोले ने मुंबई में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान शाह के इस दावे को खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने मुस्लिम आरक्षण की मांग स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा, ‘‘हम (एमवीए) मुख्य मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं और हिंदू-मुस्लिम के फर्जी विमर्श में नहीं फंसेंगे।’’
शाह ने दिन में कहा था, ‘‘हमारे संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का प्रावधान नहीं है। फिर भी कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले आरक्षण का वादा किया।’’
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
भाषा धीरज नरेश
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