मुंबई । शिवसेना के नेता दीपक केसरकर ने यहां कहा कि भले ही अजित पवार एक बार फिर महाराष्ट्र के वित्त मंत्री बन गए हों, लेकिन एकनाथ मुख्यमंत्री हैं और अंतिम फैसला उनका होगा। पिछले साल जब शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों के विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी, तब इन विधायकों ने कहा था कि वित्त मंत्री अजित पवार का उनके निर्वाचन क्षेत्रों को कोष आवंटित नहीं करना बगावत का एक कारण है। इस महीने की शुरुआत में शिंदे सरकार में शामिल हुए पवार को एक बार फिर वित्त मंत्री बनाया गया है। इसके बाद शिवसेना के विद्रोही विधायकों से सवाल पूछे जा रहे हैं। इस समय स्कूली शिक्षा मंत्री केसरकर ने यहां पत्रकारों से कहा कि उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री रहते शिवसेना विधायकों ने अन्याय का सामना किया, जिसके कारण एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 39 विधायकों ने विद्रोह किया था।
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उन्होंने कहा कि जब एमवीए गठबंधन के तहत राकांपा और कांग्रेस के साथ एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए थे तो पार्टी (अविभाजित शिवसेना) के सभी सिद्धांतों से समझौता किया गया था। केसरकर ने कहा, “तब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे, अब एकनाथ शिंदे ( उस पद पर) हैं। दादा (अजित पवार) ने मुझसे कहा है कि मैं चाहे जो भी निर्णय लूं, लेकिन अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री का होता है। मुख्यमंत्री फैसले लेता है। दादा न्याय करेंगे क्योंकि वह समझ गए हैं कि अतीत में लोग उनसे क्यों नाराज थे।”
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