औरंगाबाद में मुस्लिम समर्थन के कारण एआईएमआईएम की महत्वाकांक्षा बढ़ी

औरंगाबाद में मुस्लिम समर्थन के कारण एआईएमआईएम की महत्वाकांक्षा बढ़ी

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  • Publish Date - November 14, 2024 / 03:38 PM IST,
    Updated On - November 14, 2024 / 03:38 PM IST

(कुमार राकेश)

औरंगाबाद, 14 नवंबर (भाषा) ऑटो चालक जमीर शेख (50) महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) को सत्ता में देखना चाहते है, लेकिन जब बात उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र औरंगाबाद पूर्व की आती है तो वो यहां असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम को जीत दिलाना चाहते हैं।

पूर्व में निजाम शासित क्षेत्र की एक समय की राजधानी रहे इस शहर में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को मुसलमानों से महत्वपूर्ण समर्थन मिल रहा है। इस शहर में बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी है और ये पार्टी राज्य भर में समुदाय की आवाज के रूप में उभरने की अपनी महत्वकांक्षा को पूरा करने में जुटी है।

राज्य में 288 सदस्यीय विधानसभा की जिन 16 सीटों पर पार्टी चुनाव लड़ रही है, उनमें से दो सीटें उस क्षेत्र में आती हैं जिसे अब आधिकारिक तौर पर छत्रपति संभाजी नगर नाम दिया गया है।

इसके पूर्व सांसद इम्तियाज जलील औरंगाबाद पूर्व से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि औरंगाबाद मध्य से इसके उम्मीदवार नासिर सिद्दीकी हैं।

पार्टी के जिला अध्यक्ष और बिल्डर समीर साजिद ने मुस्लिम वोटों में विभाजन के बारे में पूछे गए सवालों को नकार दिया। लोकसभा चुनाव में उनके एकजुट होने से महा विकास आघाड़ी को बड़ी जीत हासिल करने में मदद मिली थी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने हरियाणा में चुनाव नहीं लड़ा। तो क्या कांग्रेस जीत गई?’’

उन्होंने कहा कि एआईएमआईएम, 2019 में 52 सीटों में मैदान पर थी और अब उसके मुकाबले इस बार केवल 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।

कई मुसलमानों ने इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि उनके वोट विभाजित नहीं होंगे।

भाषा यासिर रंजन

रंजन

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