एआईएमआईएम की रैली मुंबई से वापस संभाजीनगर लौटी

एआईएमआईएम की रैली मुंबई से वापस संभाजीनगर लौटी

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  • Publish Date - September 24, 2024 / 08:57 PM IST,
    Updated On - September 24, 2024 / 08:57 PM IST

मुंबई, 24 सितंबर (भाषा) मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी करने वाले भाजपा विधायक नितेश राणे और रामगिरि महाराज की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एआईएमआईएम की तिरंगा रैली मुंबई से छत्रपति संभाजीनगर वापस लौट गई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

एक अधिकारी ने बताया कि रैली को मुंबई में प्रवेश करना था, लेकिन उसे ठाणे से आगे नहीं बढ़ने दिया गया और इसके प्रतिभागियों ने सोमवार रात छत्रपति संभाजीनगर की ओर लौटना शुरू कर दिया।

रैली का नेतृत्व ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने किया।

जलील ने कहा, ‘‘इस तथ्य के बावजूद कि नितेश राणे और रामगिरि महाराज के खिलाफ विभिन्न स्थानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई हैं, राज्य सरकार ने उनके खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया है। इन्होंने खुले तौर पर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया और राज्य में शांति भंग करने के लिए भड़काऊ बयान दिए हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र की महायुति सरकार लोकसभा में अपनी हार से बौखला गई है। अब वह हिंदू-मुस्लिम हिंसा करवा कर चुनावों में इसका लाभ उठाना चाहती है।’’

रत्नागिरि जिले के चिपलून में पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने भाजपा सांसद नारायण राणे का नाम लिए बिना सोमवार को कहा था, ‘‘सिंधुदुर्ग जिले ने महाराष्ट्र को एक मुख्यमंत्री दिया है। उन्होंने मेरे साथ भी काम किया है। मैं उनके बारे में कुछ नहीं कहना चाहता। लेकिन जिस तरह से उनके बेटे (नितेश राणे) बयान दे रहे हैं, मैंने महाराष्ट्र के इतिहास में कभी नहीं देखा कि किसी (पूर्व) मुख्यमंत्री की भावी पीढ़ी इस तरह का रास्ता अपनाए।’’

रामगिरि महाराज के बारे में पवार ने कहा, ‘‘भगवा वस्त्र धारण करने वाले लोग दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ जहरीले बयान दे रहे हैं जो उचित नहीं है। किसी को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच एकता प्रभावित हो।’’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता राणे ने एक सितंबर को अहमदनगर जिले के श्रीरामपुर और तोपखाना इलाकों में रामगिरि महाराज के समर्थन में दो जनसभाओं को संबोधित किया था, जो पिछले महीने इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए चर्चा में थे।

भाषा

शफीक अविनाश

अविनाश