maharashtra political crisis: नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं, शिवसेना विधायकों की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे के सामने नई मुश्किल दस्तक दे सकती है। सरकार गंवाने के बाद इस बार उन्हें महाविकास अघाड़ी को बचाने की चुनौती मिलने जा रही है। अब इस परेशानी के तार राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ते नजर आ रहे हैं। एक और जहां विपक्ष ने राष्ट्रपति पद के लिए यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, NDA ने द्रौपदी मुर्मू को मैदान में उतारा है। ऐसे में MVA के सदस्यों की राय गठबंधन की एकता पर भारी पड़ सकती है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
read more: BIG NEWS: फेमस एक्टर का निधन, इन फिल्मों में एक्टिंग ने बनाया था स्टार, मैनेजर ने जताया दुख
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को विपक्षी दलों के साथ बैठक की। इस बैठक में यशवंत सिन्हा के प्रचार में तेजी लाने को लेकर चर्चा की गई। मीटिंग में कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के भालचंद्र कांगो और राजद के एडी सिंह मौजूद थे। इसके अलावा सिन्हा का प्रचार संभाल रहे सुधींद्र कुलकर्णी भी चर्चा में शामिल रहे।
maharashtra political crisis: पवार ने ट्वीट किया, ‘देश जिन मुद्दों का सामना कर रहा है उनसे लड़ने के लिए हम हमारे उम्मीदवार श्री यशवंत सिन्हा के साथ मजबूती से खड़े हैं।’ खास बात है कि यह बैठक भी राकंपा प्रमुख के आवास पर ही हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वरिष्ठ नेता ने प्रचार की रणनीति की कमान अपने हाथों में ले ली है। समाजवादी पार्टी भी एमवीए में शामिल है। सिन्हा की उम्मीदवारी पर भी समाजवादी पार्टी ने मुहर लगाई थी।
read more: IND vs ENG: रोहित शर्मा ने बनाया अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, इन दिग्गजों को भी पीछे छोड़ा
माना जा रहा है कि शिवसेना के कुछ सांसद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट का हाथ थाम सकते हैं। इसी बीच मुंबई दक्षिण मध्य से सांसद राहुल शेवाले ने ठाकरे से मुलाकात की है और राष्ट्रपति चुनाव में NDA उम्मीदवार मुर्मू का समर्थन करने की मांग की है। इतना ही नहीं उन्होंने शिवसेना सुप्रीमो से अन्य सांसदों को मुर्मू का समर्थन करने के निर्देश देने के लिए भी कहा है। इस संबंध ने शेवाले की तरफ से एक पत्र भी सौंपा गया है।
इधर शिवसेना में बगावत करने वाले समूह में शामिल मंत्री गुलाबराव पाटील ने बुधवार को 12 सांसदों के जल्दी पक्ष बदलने का दावा किया था। जलगांव में पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा था, ’55 में से 40 विधायक और 18 में से 12 सांसद हमारे साथ हैं… मैंने चार सांसदों से व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात की है। 22 पूर्व विधायक भी हमारे साथ हैं।