(कुणाल दत्त)
पुणे, 15 जनवरी (भाषा) सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बुधवार को उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) को लेकर सुरक्षा संबंधी आशंकाओं को दूर करने का प्रयास करते हुए कहा कि स्वदेशी हेलीकॉप्टर में कोई ‘खामी’’ नहीं है तथा यह सेना के लिए काम करता रहेगा।
यहां 77वीं सेना दिवस परेड के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की।
इस महीने की शुरुआत में गुजरात के पोरबंदर में हुई दुर्घटना के बाद इस हेलीकॉप्टर को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताओं की खबरें आई हैं।
जनरल द्विवेदी से पूछा गया कि क्या इस घटना के बाद एएलएच में कोई ‘खामी’ देखी गई है। सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘मैं देशवासियों और भारतीय सेना को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एएलएच में कोई ‘खामी’ पैदा नहीं हुई है। इस तरह की छोटी-मोटी दुर्घटनाएं पूरी दुनिया में होती रहती हैं। दुनिया में मौजूद सबसे बेहतरीन हेलीकॉप्टर भी ऐसी दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं।’’
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 और 2024 में भारतीय सेना ने 40,000 घंटे तक एएलएच उड़ाया है। और, उन 40,000 घंटों में केवल एक बार गड़बड़ी पैदा हुई।
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘हम 15,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ान भरते हैं…इसलिए, एएलएच महत्वपूर्ण सैन्य संसाधन है। यह सेवा में बना रहेगा। हमें इस (प्लेटफॉर्म) पर 100 प्रतिशत भरोसा है।’’
एएलएच ध्रुव बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा निर्मित स्वदेशी रूप से विकसित हेलीकॉप्टर है। इसका सैन्य संस्करण एएलएच रुद्र है।
पांच जनवरी को गुजरात के पोरबंदर हवाई अड्डे पर उतरते समय भारतीय तटरक्षक के एएलएच के दुर्घटनाग्रस्त होने से चालक दल के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी।
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश