ठाणे, 24 दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के पालघर में डकैती और हत्या के प्रयास के फरार आरोपी को 21 साल बाद जालना जिले से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
पारधी गिरोह के सदस्य आरोपी बाबूराव अन्ना काले (55) को 20 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपनी पहचान छिपाई हुई थी।
पुलिस ने बताया कि जालना में पारतुर तालुका के अंतर्गत आने वाले वालखेड गांव में काले एक मकान में छिपा था।
पालघर के विरार क्षेत्र में बोलिंज-अगाशी स्थित एक बंगले में नौ जनवरी 2003 को चार व्यक्तियों ने घुसपैठ की थी।
पुलिस के वरिष्ठ निरीक्षक राहुल राखा ने बताया कि उन्होंने घर में रहने वालों को बांध दिया, चाकू से डराकर उनके चेहरे कंबल से ढक दिए और 1.33 लाख रुपये के सोने के आभूषण तथा 25 हजार रुपये नकद चुरा लिए थे।
लुटेरों ने इसी तरह पड़ोस में एक बंगले को भी निशाना बनाया, लेकिन वहां कोई कीमती सामान नहीं मिला।
अधिकारी ने बताया कि विरार पुलिस ने उसी दिन अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 394 (लूट के दौरान जानबूझकर चोट पहुंचाना), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना), 457 (सेंधमारी कर घर में घुसना), 511 (अपराध करने का प्रयास) और 34 (साझा मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की।
उन्होंने बताया कि 2005 में एक आरोपी सुचिनाथ उर्फ राजेश सत्यवान पवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। लेकिन काले समेत तीन अन्य फरार थे।
अधिकारी ने बताया कि हाल के महीनों में मीरा भयंदर-वसई विरार (एमबीवीवी) अपराध शाखा ने जांच के लिए नए सिरे से प्रयास किया और काले के जालना स्थित अपने गांव में रहने की सूचना मिली।
उन्होंने बताया कि अपराध शाखा की एक टीम ने स्थानीय पुलिस की सहायता से जालना के एक गांव में काले का पता लगाया और पिछले सप्ताह उसे गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारी के अनुसार, पूछताछ के दौरान सामने आया कि काले, हत्या का प्रयास समेत कम से कम 10 अन्य मामलों में शामिल था और उसके खिलाफ जालना तथा छत्रपति संभाजीनगर के विभिन्न थानों में यह मामले दर्ज हैं।
पुलिस ने बताया कि 2003 के डकैती मामले के दो अन्य आरोपी अभी भी फरार हैं।
भाषा यासिर मनीषा
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