मुंबई, 29 नवंबर (भाषा) फिल्म निर्माता राहुल ढोलकिया का कहना है कि उनकी आगामी फिल्म ‘अग्नि’ एक ऐसी कहानी है जिसे बताया जाना चाहिए और उन्हें उम्मीद है कि इस फिल्म से उन अग्निशमन कर्मियों के प्रति नया सम्मान पैदा होगा जो दूसरों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता ने कहा कि प्रतीक गांधी, दिव्येंदु और सैयामी खेर अभिनीत इस फिल्म का विचार अमेरिका में 9/11 स्मारक की उनकी एक यात्रा के दौरान आया।
‘हम उनके बारे में भूल ही गए, हमने कभी उनके बारे में बात नहीं की। उनके बारे में (भारत में) कोई फिल्म नहीं बनी। जब मैं अमेरिका में था तो मैं 9/11 स्मारक पर गया और वहां मैंने अग्निशमन कर्मियों की तस्वीरें देखीं।
‘परजानिया’ और ‘रईस’ जैसी फिल्मों के निर्देशक ने ‘पीटीआई भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘जब भी आप पश्चिम या ब्रिटेन या यूरोप जैसे किसी देश और विशेष रूप से अमेरिका जाते हैं तो आप देखते हैं कि वहां अग्निशमन कर्मियों को बहुत सम्मान और आदर दिया जाता है। जब भी कोई अग्निशमन कर्मी गुजरता है तो उन्हें सलाम किया जाता है।’
अग्निशमन कर्मियों पर भारत की पहली फिल्म बताई जा रही यह हिंदी फिल्म एक अग्निशमन कर्मी और एक पुलिसकर्मी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो शहर में आग की घटनाओं में रहस्यमय वृद्धि की जांच कर रहे हैं।
ढोलकिया ने कहा कि यह दुखद है कि इन गुमनाम नायकों पर फिल्म बनाने के बारे में कभी सोचा नहीं गया।
उन्होंने कहा, ‘अब समय आ गया है कि हम उनके प्रयासों को पहचानें। हमारी फिल्म में एक लाइन है, ‘गलती किसी की भी हो, जान हमारी जाती है’। हमारी लापरवाही की वजह से आग लगती है और वे हमें बचाने आते हैं और हम उन्हें याद नहीं रखते। हमें उनका सम्मान करने के लिए पीड़ित होने की जरूरत नहीं है, लेकिन जिस तरह से हम पुलिस या अन्य बलों का सम्मान करते हैं, हम उनके साथ भी वैसा ही कर सकते हैं।’
भाषा
शुभम अविनाश
अविनाश
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