मुंबईः Maharashtra election 2024 महाराष्ट्र में बुधवार यानी आज विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले डा रहे हैं। प्रदेश के 1,00,186 मतदान केंद्रों सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। इस बार लगभग 9.7 करोड़ (97 मिलियन) पात्र मतदाता हैं। इसमें 4.97 करोड़ पुरुष मतदाता और 4.66 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। वहीं 1.85 करोड़ युवा मतदाता (18-29) हैं, जिनमें 20.93 लाख पहली बार वोट डालेंगे। उम्मीदवारों की संख्या की बात करें तो इस बार 4,136 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि 2019 में यह संख्या 3,239 थी। इन उम्मीदवारों में 2,086 निर्दलीय हैं। चलिए जानते हैं महाराष्ट्र के वीआईपी सीटों के बारे में..
Maharashtra election 2024 मुंबई की वर्ली विधानसभा सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। इस सीट पर शिवसेना (उद्धव) के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक दोबारा मैदान में हैं तो शिवसेना (शिंदे ) की ओर से मिलिंद देवड़ा ने ताल ठोकी है। वहीं महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संदीप देशपांडे इस सीट पर मुकाबला लड़ रहे हैं।
आदित्य ठाकरे: साल 2019 में वर्ली से शानदार जीत दर्ज करने वाले आदित्य ठाकरे ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने कामों से काफी लोकप्रियता हासिल की।
मिलिंद देवड़ा: पूर्व सांसद और यूपीए-2 सरकार में मंत्री रह चुके देवड़ा शहरी मध्यमवर्गीय वोटरों पर पकड़ बनाते हुए अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए भरपूर कोशिश की है।
संदीप देशपांडे: एमएनएस के उम्मीदवार देशपांडे स्थानीय मुद्दों, खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर और आवास से जुड़े मामलों को लेकर चुनाव मैदान में उतरे हैं।
बारामती सीट को पवार परिवार का गढ़ माना जाता है, लेकिन इस बार पवार परिवार के भीतर मुकाबला है। इस सीट से अजित पवार के खिलाफ चुनावी मैदान में शरद पवार के पोते युगेंद्र पवार उतरे हैं। अब देखना ये है कि जनता को चाचा को चुनती है या भतीजे को।
अजित पवार: साल 1991 से लगातार सात बार इस सीट से विधायक रह चुके अजित पवार को बारामती में अजेय माना जाता है। 2019 में उन्होंने 83.24% वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी।
युगेंद्र पवार: शरद पवार के मार्गदर्शन में राजनीति में कदम रख रहे उनके पोते युगेंद्र को युवा वोटरों और पारिवारिक प्रभाव का फायदा मिल सकता है।
मुंबई की बांद्रा ईस्ट पर कांग्रेस छोड़ अजित पवार की पार्टी एनसीपी में शामिल हुए जीशान सिद्दीकी का शिवसेना (उद्धव) के वरुण सरदेसाई से मुकाबला है। हाल ही में बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी गई थी, ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि जीशान सिद्दीकी को जनता की सहानुभूति मिल सकती है।
जीशान सिद्दीकी: युवाओं और मुस्लिम समुदाय के बीच लोकप्रिय जीशान स्थानीय मुद्दों को उठाने और सोशल मीडिया पर सक्रियता के कारण सुर्खियों में हैं।
वरुण सरदेसाई: उद्धव ठाकरे के भतीजे वरुण व शिवसेना (उद्धव) के पारंपरिक वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं।
नागपुर साउथ वेस्ट विधानसभा सीट से डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस लगातार चौथी बार मैदान में हैं। उनका कांग्रेस के नेता प्रफुल्ल गुडधे से मुकाबला है।
देवेंद्र फडणवीस: नागपुर साउथ वेस्ट से 2009 से विधायक रहे फडणवीस ने 2019 में 49,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। उनकी लोकप्रियता विकास कार्यों और बीजेपी के मजबूत संगठनात्मक आधार पर टिकी है।
प्रफुल गुदाधे: कांग्रेस के प्रफुल गुदाधे स्थानीय मुद्दों और शहरी बुनियादी ढांचे की खामियों को लेकर चुनावी मैदान में उतरे। वह भाजपा के खिलाफ माहौल बनाकर जनता की दिल में जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस सीट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके राजनीतिक गुरु दिवंगत शिवसेना नेता आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे के बीच मुकाबला है।
एकनाथ शिंदे: अपने राजनीतिक गुरु आनंद दिघे के नाम पर मराठी फिल्म ‘धर्मवीर’ का निर्माण कर चुके शिंदे इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत मानते हैं।
केदार दिघे: आनंद दिघे के पारिवारिक और भावनात्मक जुड़ाव के चलते केदार को भी स्थानीय मराठी मतदाताओं का समर्थन मिल सकता है।