Publish Date - January 19, 2025 / 09:21 AM IST,
Updated On - January 19, 2025 / 09:21 AM IST
प्रयागराज: Mahakumbh 2025 13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शुरू हुआ है। पौष पूर्णिमा स्नान के सफल समापन के बाद बुधवार महाकुंभ में नागा साधुओं का आखाड़ा अमृत स्नान किया। महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में संगम तट पर होता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ संगम में स्नान करते हैं। अब सनातन और हिंदुत्व का वैभव पूरी दुनिया में दिख रहा है।
Mahakumbh 2025 महाकुंभ में बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी पहुंचे हैं। यह विदेशी कुंभ सिर्फ घूमने नहीं आए हैं बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति से रूबरू हो रहे। ऐसे ही एक रशियन कपल की महाकुंभ में पहुंचे हुए हैं। प्रयागराज महाकुंभ में रूस के रहने वाला कपल है जो कि अब साधु और साध्वी बन चुके हैं और सालों से भारत में रहकर अखाड़े में तपस्या कर रहे हैं। रशिया के रहने वाले दम्पति अग्नि अखाड़ा में दीक्षा ग्रहण कर चुके हैं।
महाकुंभ 2025 का आगाज 13 जनवरी को हुआ था। इसका पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर 14 जनवरी को हुआ।
महाकुंभ में कौन सा विशेष स्नान हुआ?
महाकुंभ में 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन पहला अमृत स्नान हुआ। इसके बाद नागा साधुओं ने अपने आखाड़े में अमृत स्नान किया।
महाकुंभ 2025 में कितने विदेशी पहुंचे हैं?
महाकुंभ 2025 में बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी पहुंचे हैं। इनमें से कुछ भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़ने और यहां की तपस्या विधियों को समझने के लिए आए हैं।
महाकुंभ में एक रशियन कपल क्यों चर्चा में है?
रशिया के एक कपल ने महाकुंभ में आकर अग्नि अखाड़ा में दीक्षा ग्रहण की है और वे कई सालों से भारत में रहकर तपस्या कर रहे हैं।