Ghar Wapsi in Mahakumbh 2025: प्रयागराज। साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगने वाला है। कुंभ मेला हिंदू धर्म का महापर्व है जिससे करोड़ों लोगों की आस्थाएं जुड़ी होती हैं। इसे लेकर तैयारियां तेज कर दी गई है। इसी बीच अब खबर सामने आ रही है कि, महाकुंभ में ईसाई मिशनरीज और दूसरे धर्म अपनाए लोगों की घर वापसी होगी। अखाड़े में संत घर वापसी योजना बना रहे हैं।
महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि, इस महाकुंभ में उनके अखाड़े के जरिए सैकड़ों की संख्या में गैर सनातनियों की घर वापसी कराई जाएगी। वह लोग अपनी इच्छा से सनातन धर्म में वापसी करेंगे। महंत रवींद्र पुरी ने महाकुंभ में धर्मांतरण कराए जाने के इस्लामिक धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन बरेली के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि वह कट्टरपंथी ताकतों के दलाल है।
बता दें कि, प्रयागराज महाकुंभ में आज शनिवार (4 जनवरी) को सन्यासी परंपरा के निरंजनी अखाड़े की पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह शोभा यात्रा अल्लापुर में बाघंबरी मठ से शुरू होकर तमाम रास्तों से होती हुई मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगीृ। इस पेशवाई में डेढ़ दर्जन से ज्यादा राज्यों की बैंड पार्टियों को बुलाया गया है। निरंजनी अखाड़े के सचिव और महंत रवींद्र पुरी महाराज के अनुसार, इसमें खास यह है कि बैंड पार्टियों से जुड़े ज्यादातर कलाकार मुस्लिम समुदाय के हैं।
महंत ने बताया कि शनिवार को निकलने वाली अखाड़े की पेशवाई के जरिए एकता और भाईचारे का भी संदेश दिया जाएगा। इसमें दूसरे धर्मों के ऐसे लोग भी शामिल होंगे, जो सनातन धर्म का सम्मान करते हैं और उसमें अपनी आस्था भी रखते हैं। महंत रवींद्र पुरी के मुताबिक, पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभा यात्रा के जरिए पीएम मोदी महाकुंभ से देश की एकता के संदेश को आगे बढ़ाने का काम किया जाएगा।इस पेशवाई में धर्म और आध्यात्म के साथ ही कला और संस्कृति के भी अलग-अलग रंग देखने को मिलेंगे। इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से कलाकारों को बुलाया गया है। पेशवाई में अखाड़े के नागा संत शरीर पर भभूत धारण कर अस्त्र-शस्त्र लहराते हुए आगे चलेंगे। वहीं, कई नागा संत हाथी घोड़े और ऊंट पर सवार होकर सनातन की पताका को लहराते हुए आगे बढ़ेंगे।
महाकुंभ में ईसाई मिशनरियों या अन्य धर्म अपनाने वाले लोगों को हिंदू धर्म में वापस लाने के लिए संत और साधु घर वापसी योजना बना रहे हैं, जिसमें शाही स्नान के दिन उनका स्वागत और पैर धुलाने की परंपरा शामिल है।
घर वापसी का आयोजन अखाड़ों और संत समाज द्वारा किया जा रहा है।
शाही स्नान को पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन धार्मिक परंपराओं और कर्मकांडों के माध्यम से लोगों को हिंदू धर्म में पुनः शामिल किया जाएगा।
वे लोग जो किसी कारणवश हिंदू धर्म छोड़कर अन्य धर्म अपना चुके हैं और अब अपनी स्वेच्छा से हिंदू धर्म में लौटना चाहते हैं।
महाकुंभ में लगे अखाड़ों के शिविरों या आयोजन समिति से संपर्क करके अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।