अयोध्या: आस्था की भूमि प्रयागराज जहां धर्म का सबसे बड़ा आयोजन होने जा रहा है। आस्था-विश्वास का महापर्व महाकुम्भ इस साल 13 जनवरी से प्रयागराज में शुरू हो रहा है। 50 दिन से ज्यादा चलने वाले इस पर्व में देश-दुनिया से करोड़ों लोग स्नान करने आएंगे। मान्यता है कि गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप धुल जाते हैं। जैसे जैसे महाकुंभ की तारीख नजदीक आ रही है। उसके साथ ही महाकुंभ में शामिल होने के लिए देश के कोने कोने से साधु संत यहां पहुंच रहे हैं। इसके साथ ही इस शुभ अवसर से पहले भारत के प्रमुख 13 अखाड़े एक-एक करके प्रयागराज के नगर में प्रवेश करेंगे। इसी बीच वैष्णव समुदाय ने पेशवाई निकाली है। यह पेशवाई शस्त्र पूजन कर आरंभ की गई।
पेशवाई शहर का भ्रमण कर संत समागम स्थित अपने पंडाल में पहुंचेंगे। पेशवाई के दौरान नागा साधु विभिन्न करतब दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। वैष्णव समुदाय के अखाड़ों को देखने एवं नागा-साधुओं का आशीर्वाद प्राप्त करने सड़कों के किनारे श्रध्दालुओं की भीड़ भक्ति भाव और रोमांच के साथ उमड़ पड़ी है।
आपको बता दे कि महाकुम्भ मेला क्षेत्र में 14 जनवरी को पहला शाही स्नान पर्व है। इस दिन सभी 13 अखाड़े राजसी अंदाज में रथों पर सवार होकर गाजे-बाजे के साथ भक्तों के साथ मेले में संगम स्नान करने जाएंगे। बता दें कि मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसी दिन से सूर्य उत्तरायण भी हो जाते हैं। इस लिए इस स्नान पर्व का अपना अलग महत्व होता है।
प्रयागराज,उत्तरप्रदेशः- संगम की धरती पर 13 जनवरी 2025 से महाकुंभ का आगाज होने जा रहा है. महाकुंभ को लेकर सभी अखाड़े छावनी प्रवेश कर रहे हैं. इसी बीच वैष्णव सम्प्रदाय के अखाड़ों के शस्त्र प्रदर्शन की कुछ तस्वीरें सामने आई है. आप भी देखिए#Mahakumbh2025 #Kumbh2025 #Prayagraj… pic.twitter.com/iP4Lw8p3bp
— IBC24 News (@IBC24News) January 8, 2025