Kinnar Akhada: ममता कुलकर्णी पर बड़ी कार्रवाई, किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर पद से किया बाहर, अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने लिया बड़ा फैसला

Kinnar Akhada: ममता कुलकर्णी पर बड़ी कार्रवाई, किन्नर अखाड़े ने महामंडलेश्वर पद से किया बाहर, अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने लिया बड़ा फैसला

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 01:33 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 01:33 PM IST

Kinnar Akhada | Image Source: X Handle

प्रयागराज: Kinnar Akhada बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी, जिन्होंने संन्यास की दीक्षा लेकर किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर पद ग्रहण किया था, को अब इस पद से हटा दिया गया है। इसके साथ ही लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से निष्कासित कर दिया गया है। बता दें कि लक्ष्मी नारायण ने ही ममता हो कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाया था। यह कदम किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने उठाया है।

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Kinnar Akhada आपको बता दें कि ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने के बाद भारी विरोध हुआ था और इस कदम से किन्नर समुदाय में कलह फैल गई थी। कई धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्वों ने इसे लेकर अपना विरोध व्यक्त किया था, जिसके बाद यह निष्कासन कार्रवाई की गई है।

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ऋषि अजय दास कहा, कि ‘मैं किन्नर अखाड़े का संस्थापक होने के नाते आज आपको यह विदित करते हुए जानकारी देता हूं कि किन्नर अखाड़े के 2015-16 उज्जैन कुंभ में मेरे द्वारा नियुक्त आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को में आचार्य महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़ा के पद से मुक्त करता हूं। शीघ्र इन्हें लिखित सूचना दे दी जावेगी, क्योकि जिस धर्म प्रचार-प्रसार व धार्मिक कर्मकांड के साथ ही किन्नर समाज के उत्थान इत्यादि की आवश्यकता से उनकी नियुक्ति की गई थी, यह उस पद से सर्वदों भटक गए हैं. इन्होंने मेरी बिना सहमति के जूना अखाड़ा के साथ एक लिखित अनुबंध 2019 के प्रयागराज कुंभ में किया। जो की अनैतिक ही नहीं अपितु एक प्रकार की 420 है। बिना संस्थापक के सहमति एवं हस्ताक्षर के जूना अखाडा एवं किन्नर अखाड़ा के बीच का अनुबंध विधि अनुकूल नहीं है। अनुबंध में जूना अखाड़े ने किन्नर अखाड़ा संबोधित किया है. इसका अर्थ है कि किन्नर अखाड़ा 14 अखाड़ा उन्होंने स्वीकार किया है। तो इसका अर्थ यह है कि सनातन धर्म में 13 नहीं अपितु 14 अखाड़े मान्य है, यह बात अनुबंध से स्वयं सिद्ध है।

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आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी तथा कथित ने असवैधानिक ही नहीं अपितु सनातन धर्म व देश हित को छोड़कर ममता कुलकर्णी जैसे देशद्रोह के मामले में लिप्त महिला जो की फिल्मी ग्लैमर से जुड़ी हुई है. उसे बिना किसी धार्मिक व अखाड़े की परंपरा को मानते हुए वैराग्य की दिशा के बजाय सीधे महामंडलेश्वर की उपाधि व पट्टा अभिषेक कर दिया। जिस कारण से मुझे आज बेमन से मजबूर होकर देश हित सनातन एवं समाज हित में इन्हें पद मुक्त करना पड़ रहा है।

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किन्नर अखाड़े के नाम का अवैधानिक अनुबंध जो जूना अखाड़े के साथ कर किन्नर अखाड़े के सभी प्रतीक चिन्हों को भी क्षत-विक्षत किया गया है। ये लोग ना तो जूना अखाड़े के सिद्धांतों को के अनुसार चल रहे हैं. ना किन्नर अखाड़े के सिद्धांतों के। उदाहरण के लिए किन्नर अखाड़े के गठन के साथ ही वैजन्ती माला गले में धारण कराई गई थी, जो की श्रृंगार की प्रतीकात्मक है, परंतु इन्होंने उसे त्याग कर रुद्राक्ष की माला धारण कर ली। जो कि संन्यास का प्रतीक है और सन्यास बिना मुंडन संस्कार के मान्य नहीं होता। इस प्रकार यह सनातन धर्म प्रेमी व समाज के साथ एक प्रकार का छलावा कर रहे हैं। अतः आज मेरे द्वारा प्रेस वार्ता के माध्यम से यह सब जानकारी जनहित में व धर्महित में देना आवश्यक था।

ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से क्यों हटाया गया?

ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर पद से हटाया गया क्योंकि उनके पद ग्रहण के बाद अखाड़े में विरोध और कलह उत्पन्न हो गया था।

लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को क्यों आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटाया गया?

लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को आचार्य महामंडलेश्वर पद से किन्नर अखाड़े की परंपराओं और नियमों के उल्लंघन के कारण हटाया गया।

किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास का क्या कहना है?

ऋषि अजय दास ने कहा कि यह कार्रवाई अखाड़े की एकता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए की गई है।

ममता कुलकर्णी के संन्यास लेने पर क्या विवाद हुआ था?

ममता कुलकर्णी के संन्यास लेने और किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनने के बाद उनके खिलाफ भारी विरोध हुआ था, जो बाद में अखाड़े में कलह का कारण बना।

किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास कौन हैं?

ऋषि अजय दास किन्नर अखाड़े के संस्थापक हैं, जिन्होंने इस निष्कासन कार्रवाई को अखाड़े की परंपराओं और नियमों के अनुरूप बताया है।