Mahakumbh me Snan Karne ke Fayde: महाकुंभ में गंगा स्नान का है बेहद खास महत्व, आध्यात्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी है महत्वपूर्ण

Mahakumbh me Snan Karne ke Fayde: महाकुंभ में गंगा स्नान का है बेहद खास महत्व, आध्यात्मिक ही नहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी है महत्वपूर्ण

  •  
  • Publish Date - January 12, 2025 / 03:10 PM IST,
    Updated On - January 12, 2025 / 03:10 PM IST

प्रयागराज: Mahakumbh me Snan Karne ke Fayde 14 जनवरी मकर संक्रांति से प्रयागराज में महाकुंभ शुरू हो रहा है। हर 12 साल में होने वाला प्रयाग का यह कुंभ महाकुंभ है। 12 कुंभ होने के बाद 144 साल बाद यहां महाकुंभ आयोजित होता है। हर परिवार की तीसरी पीढ़ी को महाकुंभ देखने का मौका मिलता है। यह हम सब का सौभाग्य है कि हम महाकुंभ देख रहे हैं।

Read More: Delhi Assembly Election 2025 : बेरोजगार युवाओं के लिए खुशखबरी.. हर महीने दिए जाएंगे 8500 रुपए, कांग्रेस ने कर दिया ये बड़ा वादा 

Mahakumbh me Snan Karne ke Fayde शास्त्रों और किवदंतियों में वर्णित कुंभ के महत्व को देश और दुनिया के जाने -माने ध्यान गुरु रघुनाथ गुरुजी अध्यात्म में विज्ञान की खोज श्रृंखला में वह जानकारी दे रहे हैं जो सिद्ध करते हैं कि हजारों साल पहले भी भारतीय दर्शन और विज्ञान कितना उन्नत था और हमारे पूर्वज कितने प्रगतिशील गतिशील और ज्ञानी थे। ध्यानगुरु रघुनाथ गुरुजी बताते हैं कि महाकुंभ का सिर्फ धार्मिक और आध्यात्मिक नहीं वैज्ञानिक महत्व भी है। हमारे ऋषि मुनि बहुत विद्वान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखते थे।

Read More: Contractual Employees News: संविदा कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने का ऐलान, अब हर महीने मिलेंगे इतने रुपए, जारी हुआ आदेश

माना जाता है कि देवों और असुरों के बीच सागर मंथन से अमृत कलश निकला था उस दिव्य कलश को प्राप्त करने के लिए देव और दानव में 12 दिन महाभयंकर युद्ध हुआ था। उसी समय अमृत की चार बूंद पृथ्वी पर गिरी प्रायगराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक यह उन जगह के नाम है। रघुनाथ गुरुजी बताते हैं कि देवताओं के 12 दिन पृथ्वी के 12 साल होते है। सूर्य, पृथ्वी, चंद्र और गुरु यह चारों ग्रह एक विशिष्ट संयोग में आते हैं तब सूर्य पृथ्वी के सबसे नजदीक 3 जनवरी को आता है। इसीके साथ 14 तारीख को मकर संक्रांति को सूर्य उत्तरायण होते है। पौष पौर्णिमा के दिन विशिष्ट संयोग से गुरु का वृषभ राशि में प्रवेश होता है। पूर्णिमा के दिन बृहस्पति वृषभ राशि में प्रवेश करते है।

रघुनाथ गुरुजी के अनुसार सूर्य हर 12 साल में सोलर सायकल सूर्य पूरी करता है। सूर्य जब नॉर्थ से साउथ पोल घूमता है उस समय सूर्य के मॅग्नेटिक फिल्ड से पृथ्वी का वातावरण प्रभावित होता है। पृथ्वी पर रहने वाले जीव जंतुओं और मानव के लिए यह मैग्नेटिक फील्ड अत्यधिक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है। रघुनाथ गुरुजी बताते हैं कि सूर्य चक्र का समय भी कुंभ से जुडा हुआ होता है। ठंड के दिन में जब वातावरणमें ऑक्सीजन मॉलिक्यूल का घनत्व ज्यादा होता है। वातावरण और पानी में उसे समय ऑक्सीजन की मात्रा अधिक होती है। यह ऑक्सीजन मॉलक्युलस पवित्र मां गंगा नदी, यमुना नदी, सरस्वती नदी के संगम मे मिलते है। तब पानी में डिसॉल्व ऑक्सीजन की मात्रा बढती है। हमारे ऋषि मनियों ने इस वैज्ञानिक कारण को भी ध्यान में रखकर कुंभ की परंपरा विकसित की होगी ऐसा माना जा सकता है।

Read More: Patni Ka Avaidh Sambandh : पत्नी कर रही थी पराए मर्द से बात.. अवैध संबंध के शक में पति और देवर ने कर दिया बुरा हाल, अस्पताल में भर्ती हुई महिला 

रघुनाथ गुरुजी बताते हैं कि गुरु ग्रह की गुरुत्वाकर्षण शक्ति, सूर्य का सूर्य चक्र और सोलर स्पॉट नॉर्थ पोल, साउथ पोल परिवर्तन के समय का मैग्नेटिक फील्ड बनती है। जो पृथ्वी पर सकारात्मक ऊर्जा सुमन रिसोनेंस फ्रिक्वान्सी से इंसान के दिमाग में अल्फा किरणों की वृद्धि करती है। इससे मनुष्य के मन को शांति मिलती है और शरीर को निरोगी जीवन देती है। सूर्य की गतिविधियों का पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र पर प्रभाव पड़ता है। जो इंसान की जैविक घड़ी जिसे नींद और जागने का चक्र कहते हैं उसे बेहतर बनाता है।

रघुनाथगरुजी बताते हैं कि पृथ्वी, सूर्य, चंद्र और गुरु के खगोलीय संयोग से एकत्रित होकर वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। इस ऊर्जा के साथ सभी देवी देवताओ का आशीर्वाद, साधु संतों और तपस्वियों की उपस्थिति का वातावरण ही अमृत तुल्य होता है। इस आशीर्वाद के कारण ही वातावरण में जो अमृत वर्षा होती है। पानी में PH, घुली हुई ऑक्सीजन और मिनरल्स सही मात्रा मे पानी मे मिलते है। जो पवित्र गंगा नदी के जल को आध्यात्मिक और वैज्ञानिक रूप से बहुत उपयोगी और लाभदायक बनाते हैं। इनका हमारे जीवन में बहुत फायदा होता है। आत्मिक शांति मिलती है और जीवन निरोगी होता है। रघुनाथ गुरुजी कहते हैं कि आधुनिक विज्ञान हमारी हजारों साल पुरानी परंपराओं को सिद्ध कर रहा है और सही मान रहा है। यह भारतीय संस्कृति और सनातन की पुनर्स्थापना है।

Read More: Rohit Sharma Retirement News Latest: कोई नया विकल्प खोज लें…मैं सिर्फ दो या तीन महीने ही…संन्यास के कयासों के बीच रोहित शर्मा ने BCCI को दिया जवाब

 

 

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp