Mahakumbh 2025 Chhavani Pravesh Video: भस्म से सना शरीर, गले में कंकाल की माला.. महाकुंभ के छावनी नगर में हुआ अखाड़ों का प्रवेश, देखें वीडियो

Mahakumbh 2025 Chhavani Pravesh Video: भस्म से सना शरीर, गले में कंकाल की माला.. महाकुंभ के छावनी नगर में हुआ अखाड़ों का प्रवेश

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  • Publish Date - January 4, 2025 / 01:07 PM IST,
    Updated On - January 4, 2025 / 01:07 PM IST

Mahakumbh 2025 Chhavani Pravesh Video: साल 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला लगने वाला है। इसे लेकर तैयारियां अब अंतिम चरण पर है। बता दें कि, महाकुंभ मेला भारत का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है, जो हर 12 साल में एक बार प्रयागराज में आयोजित होता है। इसमें लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर आकर स्नान करते हैं। इस मेले के महत्व को देखते हुए राज्य और केंद्र सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। वहीं, महाकुम्भ क्षेत्र में सनातन धर्म के ध्वज वाहक अखाड़ों के प्रवेश का सिलसिला जारी है।

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प्रयागराज के महाकुंभ में महानिर्वाणी अखाड़े का छावनी नगर में प्रवेश हो चुका है। हजारों साधु संत छावनी प्रवेश शोभायात्रा में हुए। शहर में जगह-जगह पुष्प वर्षा कर संतों का भव्य स्वागत किया गया। कुम्भ मेला प्रशासन की तरफ से भी अखाड़े के महात्माओं का स्वागत किया गया। नागा संन्यासियों और महा मंडलेश्वरों की फौज लेकर छावनी क्षेत्र में महा निर्वाणी अखाड़े ने किया प्रवेश।

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महाकुंभ में सनातन की अलख जगाने के लिए अखाड़ा परिषद की ओर से धर्म वापसी कराई जाएगी। महंत रवींद्र पुरी ने बताया कि, इस महाकुंभ में उनके अखाड़े के जरिए सैकड़ों की संख्या में गैर सनातनियों की घर वापसी कराई जाएगी। वह लोग अपनी इच्छा से सनातन धर्म में वापसी करेंगे। महंत रवींद्र पुरी ने महाकुंभ में धर्मांतरण कराए जाने के इस्लामिक धर्मगुरु मौलाना शहाबुद्दीन बरेली के आरोपों को पूरी तरह गलत बताया और कहा कि वह कट्टरपंथी ताकतों के दलाल है। बता दें कि, प्रयागराज महाकुंभ में आज शनिवार (4 जनवरी) को सन्यासी परंपरा के निरंजनी अखाड़े की पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभायात्रा निकाली जाएगी।

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FAQ About Mahakumbh 2025

अखाड़ों का महाकुंभ में क्या महत्व है?

अखाड़े सनातन धर्म के ध्वजवाहक हैं और महाकुंभ में उनकी उपस्थिति धर्म, परंपरा, और साधु-संतों की विरासत का प्रतीक है। उनके प्रवेश से महाकुंभ का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व और बढ़ता है।

महाकुंभ में अखाड़ों का प्रवेश कब से शुरू होता है?

अखाड़ों का प्रवेश महाकुंभ की शुरुआत से पहले ही शुरू हो जाता है और यह प्रक्रिया पूरे आयोजन के दौरान जारी रहती है।

महाकुंभ में कितने प्रमुख अखाड़े भाग लेते हैं?

महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़े भाग लेते हैं, जिनमें शैव, वैष्णव, और उदासीन परंपराओं के साधु-संत शामिल होते हैं।

अखाड़ों के प्रवेश का आयोजन कैसे होता है?

अखाड़ों के प्रवेश के दौरान भव्य शोभायात्रा का आयोजन होता है, जिसमें साधु-संत, रथ, ध्वज, और धार्मिक झांकियां शामिल होती हैं।

महाकुंभ मेला 2025 कब शुरू होगा?

महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में होगा।

महाकुंभ मेले को लेकर क्या तैयारियां की जा रही?

महाकुंभ में संगम आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भारत की परंपराओं के साथ यहां की कलाओं और उसके विविध विधाओं के भी दर्शन हो इसके लिए कुंभ क्षेत्र तीन बड़े सांस्कृतिक मंच बनाए जा रहे हैं।

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