Mamta Kulkarni Kinnar Akhara Mahamandaleshwar: ममता कुलकर्णी ऐसे बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, देनी पड़ी कड़ी परीक्षा, सामने आया वीडियो

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  • Publish Date - January 25, 2025 / 10:44 AM IST,
    Updated On - January 25, 2025 / 10:44 AM IST

प्रयागराज नगर: Mamta Kulkarni Kinnar Akhara Mahamandaleshwar बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर बन गईं। महाकुंभ में संगम स्नान और पिंड दान के बाद किन्नर अखाड़े की लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता का पट्टाभिषेक करते हुए नया नाम दिया।

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Mamta Kulkarni Kinnar Akhara Mahamandaleshwar शुक्रवार को उन्होंने महाकुंभ में किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से भेंट की और महाकुंभ का हिस्सा होने को अपना सौभाग्य बताया। अब उनका नाम यामाई ममता नंद गिरि हो जाएगा। ममता एक दिन पहले ही महाकुंभ पहुंची थी। यहां आने से पहले उन्होंने अपना एक वीडियो भी इंस्टाग्राम पर पोस्ट करते हुए कहा था- महाकुंभ में मौनी अमावश्या के स्नान के लिए जाने वाली है। वहीं, शुक्रवार को किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण के पास पहुंची और सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए काम करने की इच्छा जताई।

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वैसे ते ममता करीब दो दशक से संन्यासी जैसी ही जिंदगी जीने का दावा करती रही है और महामंडलेश्वर बनने से ठीक पहले कहा कि उनकी परीक्षा भी ली गई। इस पर महामंडलेश्वर किन्नर अखाड़े की लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने क्या कहा सुनिए।

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"ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर" कैसे बनीं?

ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ 2025 में संगम स्नान और पिंडदान के बाद किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से दीक्षा ली। इसके बाद उनका पट्टाभिषेक हुआ और उन्हें "यामाई ममता नंद गिरि" नाम दिया गया।

"किन्नर अखाड़ा" क्या है और इसमें ममता कुलकर्णी की भूमिका क्या होगी?

किन्नर अखाड़ा सनातन धर्म का एक हिस्सा है जो समाज में किन्नर समुदाय के योगदान और धर्म प्रचार-प्रसार के लिए काम करता है। महामंडलेश्वर के रूप में ममता कुलकर्णी सनातन धर्म के प्रचार और किन्नर अखाड़े के उद्देश्यों को बढ़ाने का कार्य करेंगी।

"महामंडलेश्वर" बनने के लिए ममता कुलकर्णी ने क्या किया?

महामंडलेश्वर बनने से पहले ममता ने कई वर्षों तक एक साध्वी जैसी जीवनशैली अपनाई। महाकुंभ के दौरान उनकी आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी द्वारा परीक्षा ली गई और सनातन धर्म के प्रति उनकी निष्ठा को मान्यता दी गई।

"महाकुंभ 2025" में ममता कुलकर्णी ने क्या कहा?

ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में हिस्सा लेने को अपना सौभाग्य बताया और कहा कि वह सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए किन्नर अखाड़े के साथ काम करेंगी।

"यामाई ममता नंद गिरि" नाम का क्या अर्थ है?

"यामाई" देवी यमाई का नाम है, जो महाराष्ट्र में पूजी जाती हैं। "ममता नंद गिरि" उनके दीक्षा के बाद का धार्मिक नाम है, जो उनके साध्वी जीवन और सनातन धर्म में उनकी भूमिका को दर्शाता है।