प्रयागराज नगर: Mamta Kulkarni Will Left Kinnar Akhara? बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गई है, जिसके बाद उनका नाम श्री यामाई ममतानंद गिरि हो गया है। प्रयागराज के दौान किन्नर अखाड़ा की ओर से उन्हें दीक्षा दी गई है और इसके बाद उन्होंने पींडदान किया। लेकिन दूसरी ओर कुलकर्णी किन्नर को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने इस पर आपत्ति जताई है और पूछा कि किन्नर अखाड़े ने एक स्त्री का महामंडलेश्वर क्यों बनाया है।
Mamta Kulkarni Will Left Kinnar Akhara? ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने को लेकर किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा है कि जब किन्नर अखाड़ा किन्नरों के लिए है तो एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया? अगर इसी तरह हर वर्ग को महामंडलेश्वर बनाना है तो फिर अखाड़े का नाम किन्नर क्यों रखा गया है? अब सावल ये उठता है कि क्या ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा छोड़ना पड़ेगा?
दरअसल बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी ने सालों से फिल्म इंडस्ट्री से दूरी बनाई हुई है। इस बीच उनका अध्यात्म की ओर झुकाव हो गया, जिसके बाद शुक्रवार को ममता कुलकर्णी महाकुंभ में पहुंची और उन्होंने सांसारिक मोह-माया को त्याग कर किन्नर अखाड़े से संन्यास की दीक्षा ली। इससे पहले उन्होंने पूरे विधि विधान के साथ खुद का पिंडदान किया।
संगम तट पर ही करीब दो घंटे तक उनके संन्यास की दीक्षा प्रक्रिया हुई। इस दौरान कई बड़े साधु संत और महामंडलेश्वर भी वहां मौजूद रहे। शाम को किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में उनका पट्टाभिषेक हुआ, जिसके बाद उनका नाम बदलकर श्रायामाई ममता नंद गिरी रखा गया। ममता कुलकर्णी ने कहा कि इससे बड़ी मेरे लिए क्या बात हो सकती है कि अर्धनारेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के हाथों मेरा पट्टाभिषेक हुआ।
ममता कुलकर्णी ने कहा कि उन्होंने महामंडलेश्वर बनने के कड़ी तपस्या की है। वो पिछले 23 सालों से फिल्मों से दूर रही और धार्मिक यात्रा पर रही। उन्होंने कहा कि अब वो कभी बॉलीवुड में वापसी नहीं करेंगी और धर्म के रास्ते पर आगे बढ़ेंगी।