Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में भक्ति के अलग-अलग रंग.. इस्कॉन मंदिर से आई श्री राधा कृष्ण की पालकी, भजन में लीन दिखे विदेशी श्रद्धालु

Prayagraj Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में भक्ति के अलग-अलग रंग.. इस्कॉन मंदिर से आई श्री राधा कृष्ण की पालकी, भजन में लीन दिखे विदेशी श्रद्धालु |

  • Reported By: Ravi Sisodiya

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  • Publish Date - January 19, 2025 / 10:04 AM IST,
    Updated On - January 19, 2025 / 10:05 AM IST

Prayagraj Mahakumbh 2025 : प्रयागराज।  13 जनवरी से महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है। महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर शुरू हुआ है। पौष पूर्णिमा स्नान के सफल समापन के बाद बुधवार महाकुंभ में नागा साधुओं का आखाड़ा अमृत स्नान किया। महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण आयोजन है, जो हर 12 वर्ष में संगम तट पर होता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ संगम में स्नान करते हैं। अब सनातन और हिंदुत्व का वैभव पूरी दुनिया में दिख रहा है।

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Prayagraj Mahakumbh 2025 : प्रयागराज कुंभ में भक्ति के अलग-अलग रंग नजर आ रहे हैं। ऐसा ही एक खूबसूरत तस्वीर तब नजर आई। जब इस्कॉन मंदिर से श्री राधा कृष्ण की पालकी में पालकी चलने वाला भी विदेशी नागरिक तो कृष्ण के भक्ति में नाचे और बजाने वाले भी विदेशी नागरिक नजर आए। इस्कॉन मंदिर के श्रद्धालुओं के साथ विदेशी नागरिकों ने और प्रयागराज कुंभ में पहुंचे। आम जनता ने भी राधाकृष्ण धुन पर जमकर नृत्य किया।

रूसी कपल ने दी दीक्षा

महाकुंभ में बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी पहुंचे हैं। यह विदेशी कुंभ सिर्फ घूमने नहीं आए हैं बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति से रूबरू हो रहे। ऐसे ही एक रशियन कपल की महाकुंभ में पहुंचे हुए हैं। प्रयागराज महाकुंभ में रूस के रहने वाला कपल है जो कि अब साधु और साध्वी बन चुके हैं और सालों से भारत में रहकर अखाड़े में तपस्या कर रहे हैं। रशिया के रहने वाले दम्पति अग्नि अखाड़ा में दीक्षा ग्रहण कर चुके हैं।

 

प्रयागराज महाकुंभ 2025 कब शुरू हुआ?

प्रयागराज महाकुंभ 2025 का आगाज 13 जनवरी को हुआ था, और पहला अमृत स्नान 14 जनवरी मकर संक्रांति के दिन हुआ।

महाकुंभ में नागा साधुओं का स्नान कब हुआ?

महाकुंभ में नागा साधुओं का आखाड़ा अमृत स्नान 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के बाद बुधवार को हुआ।

क्या विदेशी नागरिक भी महाकुंभ में भाग ले रहे हैं?

हां, महाकुंभ में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक भी पहुंचे हैं, और उन्होंने कृष्ण भक्ति में भाग लिया। एक रूसी कपल ने दीक्षा लेकर भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़ने की कोशिश की।

कुंभ में दीक्षा ग्रहण करने वाला रूसी कपल कौन था?

एक रूसी कपल, जो अब साधु और साध्वी बन चुका है, प्रयागराज महाकुंभ में अग्नि अखाड़े में दीक्षा ग्रहण कर चुका है।

महाकुंभ में किस प्रकार के धार्मिक आयोजन होते हैं?

महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु संगम तट पर स्नान करते हैं, विभिन्न आखाड़ों द्वारा पूजा-अर्चना की जाती है, और भक्तिकर्म में भाग लेने के लिए कई धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन होते हैं।