भोपालः मध्यप्रदेश के सभी मदरसों में अब योग की शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही सभी स्कूलों में पहली से 12वीं क्लास के सिलेबस में योग को शामिल किया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थानों तक तो सब ठीक है, लेकिन जैसे ही मदरसों में योग का जिक्र हुआ तो तमाम मुस्लिम पक्ष एक साथ एक सुर में विरोध करने लगे। उन्होंने नमाज को सबसे बेहतर योग बताकर फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने तक की चेतावनी दे दी।
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मुस्लिम समाज ने योग को धर्म से जोड़ दिया तो राजनेताओं ने भी योग पर राजनीति शुरू कर दी। बीजेपी ने कहा कि योग को पूरी दुनिया मानती है… जिसके जवाब में कांग्रेस ने सरकार को रोजगार और महंगाई पर ध्यान देने की नसीहत दे डाली।
स्वस्थ्य तन-मन के लिए योग की महत्ता को विज्ञान भी मान चुका है। इसके बाद भी योग को कभी सियासी चश्मे से देखा जाता है तो कभी मजहबी नजरिए से परखा जाता है। सवाल है क्या हर फैसले पर राजनीति जरूरी है?