तख्तापलट की आहट! चुनाव आयोग के इस फैसले से प्रदेश सरकार पर छाए संकट के बादल, बदल सकती है सियासी तस्वीर

Preparation for assembly elections 2023 in MP: निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने मिशन-फिफ्टी पर काम शुरू कर दिया है।

तख्तापलट की आहट! चुनाव आयोग के इस फैसले से प्रदेश सरकार पर छाए संकट के बादल, बदल सकती है सियासी तस्वीर

mp municipal elections 2023

Modified Date: January 2, 2023 / 07:13 pm IST
Published Date: January 2, 2023 5:55 pm IST

Preparation for assembly elections 2023 in MP  : भोपाल (शिखिल ब्यौहार IBC 24)। चुनावी साल 2023 में निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में मतदान प्रतिशत बढ़ाने मिशन-फिफ्टी पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत प्रदेश की ऐसी विधानसभा जिनका मतदान प्रतिशत 2018 विधानसभा चुनाव में सबसे कम रहा है वहां विशेष अभियान चलाया जाएगा। यही नहीं बल्कि प्रदेश की सभी 230 विधानसभाओं में सबसे कम मतदान प्रतिशत वाले 50 पोलिंग बूथों पर भी वोटिंग परसेंटेज बढ़ाने के लिए लगातार ग्राउंड जीरो अभियान और सर्वे रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी। युवाओं के मतदान बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग ने शिक्षण संस्थाओं में टू वॉलेटियर- वाट्सएप कैपियन शुरू कर दिया है। और इन तमाम प्लानिंग का टारगेट ये कि कम से कम पिछले चुनावी आंकड़ों की अपेक्षा 50 फीसदी मतदान को हर हाल में बढ़ाया जाए।

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Preparation for assembly elections 2023 in MP :  आइए बताते हैं आपको आखिर क्यों है टेंशन और क्या कहते हैं बढ़ते वोटिंग परसेंटेज के आंकड़े।  1990 का विधानसभा चुनाव में स्व. सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में बीजेपी मैदान में उतरी और 4.36 फीसदी वोट बढ़ गए। परिणाम यह रहा कि तत्कालीन कांग्रेस की सरकार उखड़ गई।  1993 में फिर विधानसभा चुनाव हुए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने ताकत झोंकी। 6.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा। और भाजपा की पटवा सरकार पलट गई।

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Preparation for assembly elections 2023 in MP : 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में वोटिंग प्रतिशत 60.22 रहा था जो 1993 के बराबर ही था। इसमें कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। तब दिग्विजय सिंह की सरकार दोबारा बनी।  2003 में उमा भारती के नेतृत्व में बीजेपी ने तख्ता पलट किया। और दिग्विजय सिंह की दस साल की सरकार सत्ता से बाहर हो गई। तब भी 7.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा था।  विधानसभा चुनाव 2008 में 2.03 फीसदी वोट बढ़े थे। बीजेपी सरकार की सीटें 2003 के मुकाबले 173 से घटकर 143 हो गईं लेकिन सरकार बरकरार रही।  2013 के विधानसभा चुनाव में 2.9 फीसदी मतदान ज्यादा हुआ।  तब शिवराज सिंह चौहान का चहरा सीएम के रूप में खुलकर सामने आया था। बीजेरी की सीटें 143 से बढ़कर 165 पर पहुंची थीं।  बीते विधानसभा चुनाव 2018 में 2.82 प्रतिशत मतदान प्रतिशत बढ़ा। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ। तब शिवराज की कुर्सी कमलनाथ ने बतौर सीएम संभाली थी।  अब विधानसभा चुनाव 2023 में बीती बार की अपेक्षा विधानसभा बार कम से कम 50 प्रतिशत वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने का प्लान।

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Preparation for assembly elections 2023 in MP : तो यह बढ़ते मतदान प्रतिशत के आंकड़े मध्यप्रदेश में सत्ता की इबारत को दिखाते हैं। यही कारण है कि कांग्रेस हो या बीजेपी। दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों की चिंता अब बढ़ गई है। क्योंकि बीते विधानसभा चुनाव में सत्ता परिवर्तन तो हुआ। लेकिन 15 माह तक कांग्रेस की सरकार सत्ता में रही। फिर हुए विधानसभा उपचुनाव के आंकड़ों ने भी दोनों ही दलों को सोचने पर मजबूर किया..हांलाकि। बीजेपी हो या कांग्रेस। दोनों ही दल बढ़ते वोटिंग प्रतिशत को अपने पक्ष में होने का दावा अभी से कर रहे हैं।   निर्वाचन आयोग 50 प्रतिशत अधिक मतदान लक्ष्य के साथ आसमान पर पहुंचाने की तैयारी में हैं। तो आंकड़े बताते हैं कि यदि पांच फीसदी भी मतदान प्रतिशत बढ़ा तो उलझे चुनावी गणित के नए समीकरण भी सामने होंगे। अब बीजेपी हो या कांग्रेस। दावे दोनों के अपने-अपने हैं। लेकिन किसके दावे में सच होंगे। यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

 

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years