भोपाल: Haryana MLAs training camp एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर तंज कसा है। राज्यसभा के चुनाव तक हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों के समन्वय की जिम्मेदारी कमलनाथ को दी गई है, जिसपर कटाक्ष किया गया।
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Haryana MLAs training camp इसकी वजह है हरियाणा की एक राज्यसभा सीट का चुनाव। अब थोड़ा विस्तार से समझिए,क्रॉस वोटिंग और विधायकों के खरीद फरोख्त के खतरे को भांपकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने हरियाणा कांग्रेस के विधायकों को रायपुर शिफ्ट कर दिया है। साथ ही चुनाव तक इन विधायकों के समन्वय की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को दी गई है, जिस पर नरोत्तम मिश्रा ने कटाक्ष किया, जिसका जवाब कांग्रेस ने भी बीजेपी से एक तल्ख सवाल पूछकर किया।
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पक्ष-विपक्ष के अपने-अपने दावे हैं, नजरें 10 जून को टिकी है, देखना होगा कि कांग्रेस इतनी कवायद के बाद राज्यसभा की एक अदद सीट पर काबिज होती है या नहीं। हरियाणा के कांग्रेसी विधायकों का आज राजधानी रायपुर में दूसरा दिन था, क्रॉस वोटिंग के डर से कांग्रेस ने अपने विधायकों को रायपुर भेजा है, लेकिन अब विधायकों के यहां आने को लेकर एक और तर्क दिया जा रहा है ।
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सुरक्षा ऐसी की परिंदा भी पर ना मार पाए, पूरे रिसॉर्ट को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। विधायकों को नवा रायपुर के एक रिसॉर्ट में ठहराया गया। दूसरे शब्दों में हम ये कह सकते हैं कि उन्हें नजरबंद किया गया है। कल यानि जिस दिन ये 27 विधायक रायपुर पहुंचे थे, उस दिन जितनी गहमा-गहमी थी, आज रिसॉर्ट में उतनी ही शांति व्याप्त थी। पूरा देश जान चुका है कि क्रास वोटिंग के डर कांग्रेस विधायकों को छत्तीसगढ़ लाया गया है, लेकिन सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि इन विधायकों को किसी प्रशिक्षण के लिए लाया गया है।
तो ये कहना है सीएम साहब का, जबकि इस मसले पर सियासी बयानबाजी भी जमकर हो रही है। कांग्रेस के कई नेता बीजेपी पर सेंधमारी के आऱोप लगा चुके हैं, तो सवाल ये है कि नजरबंदी को प्रशिक्षण शिविर को बताया जा रहा है?