कौन बनेगा शहर का महापौर…भाजपा-कांग्रेस किसकी होगी जीत? 4 दिन बाद होगा प्रत्याशियों ​की किस्मत का फैसला

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  • Publish Date - July 12, 2022 / 12:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:10 PM IST

(Who will become the mayor of the city) : जबलपुर – चुनावी रणभूमी में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का पलडा भारी देखने का मिल रहा है। ऐसे में यह अंजादा लगा पाना मुश्किल है कि जनता किसके पक्ष में है। इसके लिए बस 04 दिन शेष बचे हुए है फिर सामने आ ही जाएगा कि कौन जनता का प्रिय है। नगर सत्ता के लिए हाल ही में 6 जुलाई को संपन्न हुए चुनाव के बाद अब बेसब्री से मतगणना काइंतजार किया जा रहा है। मतगणना के लिए 4 दिन का समय शेष रह गया है और सभी राजनीतिक दलों से जुड़े लोग कार्यकर्ता और प्रत्याशी जीत हार के गुणा भाग में लगे हैं चुनावी चर्चाओं में एक ही बात सामने आ रही है किक्या इस बार कांग्रेस नगर सरकार बनाने में सफल होगी या भाजपा क्या कांग्रेस की सीट बढ़ेगी और भाजपा की कम होगी
इसको लेकर भी आकलन और दावों का दौर जारी है ।

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चुनावी मुकाबला रोचक और उत्सुकता से भरा हुआ

Who will become the mayor of the city : मतदान के दौरान वोट प्रतिशत में आई गिरावट और बड़ी संख्या में निर्दलीय तथा बागी उम्मीदवारों की चुनाव मैदान में होने से भी चुनावी मुकाबला रोचक होने के साथ ही उत्सुकता बढ़ाने वाला हो गया है। चुनाव में प्रमुख मुकाबला तो कांग्रेस और भाजपा के बीच ही है लेकिन शहर कि कुछ वार्डो मैं बागियोंकी मौजूदगी और निर्दलीयों की चुनौती चुनावी चर्चाओं का प्रमुख विषय है । जिसके कारण यह संभावना भी जताई जा रही है कि चुनाव पर परिणाम चैंकाने वाले हो सकते हैं ।

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पिछले चुनाव के परिणाम

Who will become the mayor of the city : यदि पिछले नगर निगम चुनाव की बात की जाए तो पिछले चुनाव में शहर के 79 वार्डों में से 42 वार्ड में भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस के 29 प्रत्याशी ही चुनाव जीत पाये थे । इसके अलावा छह निर्दलीय और शिवसेना के दो उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई थी हालांकि बाद में स्वतंत्र उम्मीदवारों में से दो कांग्रेस और तीन निर्दलीय भाजपा में शामिल हो गए थे । जिसके चलते सदन में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों की सदस्य संख्या में इजाफा हुआ था।

बागी-निर्दलिय पर रहेगी नजर

Who will become the mayor of the city : अब देखना यह है कि इस बार क्या स्थितियां निर्मित होती हैं बागी और निर्दलीय इस बार भी चुनाव मैदान में हैं इनमें से कितने जीत के करीब पहुंच सकते हैं यह तो आने वालासमय ही बताएगा पार्षद प्रत्याशियों के अलावा चुनावी चर्चाओं में महापौर पद को लेकर भी उत्सुकता है पिछले चुनाव में महापौर पद भाजपा की झोली में गया था तो कांग्रेस उम्मीदवार दूसरे स्थान पर जबकि तीसरे स्थान पर बसपा की प्रत्याशी रही इस बार के चुनाव में भी महापौर पद के लिए कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं अब देखना यह है कि जीत का सेहरा किस के सर पर सजता है।

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