ग्वालियर । चंबल अंचल के जंगल से डाकुओं का भले ही सफाया हो गया हो लेकिन माफिया बेखौफ हो चला है। इस पर लगाम का तरीका न तो वनविभाग के पास है और ना ही पुलिस के पास। माफिया पिछले 2 साल में रास्ता रोकने आई पुलिस और फॉरेस्ट की टीम पर दो दर्जन से ज्यादा कातिलाना हमले कर चुका है। लेकिन सुस्त और कमजोर कार्रवाई उन्हें अगली बार भी कुछ बड़ा करने का हौसला देती है।
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