महामारी में मौत का सच क्या? Whistle Blower जुटा रहे आंकड़े, जानिए आंकड़ों की हकीकत…
जानिए आंकड़ों की हकीकत... What is the truth of death in a pandemic? Whistle Blower is collecting data, know the reality of the figures ...
ग्वालियर: देश और प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से हुई मौतों को लेकर लगातार सियासत जारी है। सत्ता और विपक्ष के अपने-अपने दावे हैं, लेकिन इन सबके बीच अब कोरोना से हुई मौतों के मामले में व्हिसिल ब्लोअर भी मैदान में कूद गए हैं। जी हां, आपने ठीक सुना व्यापमं घोटाले की पोल खोलने वाले व्हिसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी 52 जिलों में मौत के असल आंकड़े जुटा रहे हैं। ग्वालियर में हुई मौत को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है।
कोरोना महामारी ने सुहागिन से उसका सुहाग छीन लिया, तो बच्चों के सिर से पिता का साया। हिंदुस्तान में हाहाकार का आलम था, मध्यप्रदेश भी इस महामारी का शिकार था। सुबह से लेकर शाम तक श्मशान की चिताएं धधक रही थी। जब ये चिताएं शांत हुईं तो मौत के आंकड़ों पर सियासत भी शुरू हुई, तो वहीं अब व्यापमं की पोल खोलने वाले व्हिसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी इस सच्चाई को सामने लाने की ठान चुके हैं। अपने दो और साथियों पारस सकलेचा और आनंद राय के साथ मिलकर प्रदेश के 52 जिलों से मौत के असल आंकड़ें जुटा रहे हैं।
आशीष चतुर्वेदी ने ग्वालियर से मौत के आंकड़े जुटाने की शुरुआत भी कर दी है। मौत के जो आंकड़े जुटाए हैं, उसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग का आंकड़ा 633 है। जबकि आशीष चतुर्वेदी ने अलग-अलग अस्पतालों के आंकड़े जुटाए हैं, जिसमें 1500 मौतों के आंकड़े सामने आए हैं। ग्वालियर में 100 से अधिक अस्पताल हैं, जिनमें 45 नए अस्पताल शामिल हैं, जो पिछले दो साल में बने हैं। यदि उनके डेटा का ऑडिट किया जाता तो ग्वालियर में कोविड से मौतें पांच गुना अधिक हुई है।
निजी अस्पतालों की रिपोर्ट और श्मशान में कोविड प्रोटोकॉल के तहत दाह संस्कार की संख्या चौंकाने वाली है। 200 से अधिक शव अस्थायी रूप से सरकारी मुर्दाघर से भेजे गए थे। 859 शवों का आधिकारिक तौर पर प्रोटोकॉल के तहत लक्ष्मीगंज में अंतिम संस्कार किया गया था। ये केवल लक्ष्मीगंज मुक्तिधाम के आंकड़े हैं, जबकि ग्वालियर में लगभग 17 मुक्तिधाम हैं तो वहीं कब्रिस्तानों की संख्या अलग ही है। वहां की स्थिति भी बहुत अलग नहीं है।
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वहीं ग्वालियर के कांग्रेस विधायक ने भी कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर एक सवाल विधानसभा में लगाया है। उसमें मौत के आंकड़ों के बारे में पूछा गया है। वहीं अब कलेक्टर भी मौत के आंकड़ों की पड़ताल कर रहे हैं।
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मध्यप्रदेश में 9 अगस्त से विधानसभा का 4 दिवसीय मानसून सत्र शुरू होना है। कई मुद्दों पर कांग्रेस राज्य सरकार को घेरने की तैयारी में है, जिसमें से एक बड़ा मुद्दा कोरोना से हुई मौत के आंकड़ों का भी है। श्मशान की चिताओं के आंकड़े सूबे की सियासत भड़का सकते हैं।

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