भोपाल, छह जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को कहा कि धार जिले के पीथमपुर के लोगों को यूनियन कार्बाइड के अपशिष्ट के निपटान के मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए।
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को सुरक्षा दिशा-निर्देशों के अनुसार यूनियन कार्बाइड कारखाने के अपशिष्ट निपटान पर कार्रवाई करने के लिए छह सप्ताह का समय दिए जाने के बाद यादव ने भोपाल में संवाददाताओं से बात करते हुए यह टिप्पणी की।
उच्च न्यायालय ने अपशिष्ट निपटान के मुद्दे पर मीडिया को गलत खबरें न देने का भी निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्णय उनकी उम्मीदों के अनुरूप आया है और उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है।
दो और तीन दिसंबर, 1984 की दरमियानी रात्रि को भोपाल में यूनियन कार्बाइड कीटनाशक कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) गैस लीक हुई थी, जिसमें कम से कम 5,479 लोग मारे गए थे और हजारों लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे तथा उनमें लंबे समय तक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं रहीं।
कुल 12 सीलबंद कंटेनरों में भरा यह कचरा दो जनवरी को राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड के बंद पड़े कारखाने से 250 किलोमीटर दूर धार जिले के पीथमपुर में निपटान स्थल पर ले जाया गया।
यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन किया है और यूनियन कार्बाइड कारखाने से कचरे को पीथमपुर ले जाया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती थी कि लोगों को भी अदालत में अपनी भावनाएं रखने का अवसर मिले और उच्च न्यायालय ने इस पर विचार किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय ने सरकार की मंशा को समझा है।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी को अदालत पर भरोसा है। फैसला हमारी उम्मीदों के अनुरूप आया है। मैं क्षेत्र (पीथमपुर) के लोगों से कहना चाहता हूं कि अब भी समय है और उन्हें अदालत में अपना पक्ष रखना चाहिए। सरकार हमेशा अदालत के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई करती है।’
धार जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित पीथमपुर में तीन जनवरी को उस समय विरोध प्रदर्शन हुए, जब भोपाल में यूनियन कार्बाइड कारखाने से निकला कचरा रामकी एनवायरो कंपनी पहुंचा, जहां इसे जलाया जाना है।
तीन दिन पहले, पीथमपुर में कचरे के नियोजित निपटान के विरोध में दो लोगों ने आत्मदाह करने की कोशिश की थी। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि यह निपटान मनुष्यों और पर्यावरण के लिए हानिकारक होगा।
उच्च न्यायालय ने तीन दिसंबर 2024 को सरकार को चार सप्ताह के भीतर यूनियन कार्बाइड कारखाने से कचरे को हटाने के लिए कहा था और निर्देश का पालन न करने पर अवमानना कार्यवाही की चेतावनी दी थी।
भाषा दिमो
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