जाति की ‘जनगणना’ पर जंग! क्या जाति की राजनीति करने लगी कॉग्रेस ?

जाति की राजनीति का आरोप लगाकर भाजपा को कोसने वाली कांग्रेस क्या खुद जाति की राजनीति कर रही है। सवाल ये भी है कि आखिर जाति के आंकड़ें को क्यों नहीं जारी किए जा रहे हैं?

  •  
  • Publish Date - April 18, 2023 / 11:29 PM IST,
    Updated On - April 18, 2023 / 11:29 PM IST

War on caste ‘census : भोपाल। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले जातिगत जनगणना को बड़ा मुद्दा बना लिया है। मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस नेताओं ने जातीय आंकड़ों को लेकर भाजपा को कठघरे में खड़ा कर दिया। इस पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया कि कांग्रेस देश को धर्म और जाति में बांटना चाहती है। सवाल है कि जाति की राजनीति का आरोप लगाकर भाजपा को कोसने वाली कांग्रेस क्या खुद जाति की राजनीति कर रही है। सवाल ये भी है कि आखिर जाति के आंकड़ें को क्यों नहीं जारी किए जा रहे हैं?

read more:CM शंकराचार्य के द्वार.. बिरनपुर को इंतजार! बेमेतरा पहुंचकर भी बिरनपुर क्यों नहीं गए CM?

ओबीसी के बहाने जातीय जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग

कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने ओबीसी के बहाने जातीय जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग कर दी। वैसे तो कांग्रेस ये दावा करती रहती है कि वो जाति की राजनीति नहीं करती लेकिन राहुल गांधी का ये बयान सत्ता, समाज और देश को जाति के आधार पर बांटने का इशारा कर रहा है। इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी पीएम मोदी को जातिगत जनगणना के मुद्दे पर पत्र लिख चुके हैं। जाहिर है इलेक्शन स्टेट मध्यप्रदेश की पॉलिटिक्स भी जातिगत जनगणना के मुद्दे पर घूमती नजर आ रही है। भोपाल में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया।

read more: Bhilai के Essence Spa Center पर Police की Raid | संदिग्ध अवस्था में मिले ग्राहक और युवतियां

कांग्रेस की इस मांग पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस देश को धर्म और जाति के आधार पर बांटना चाहती है।

ब्रिटिश काल के दौरान 1931 की जनगणना में आखिरी बार जातिगत आंकड़े जारी किए गए थे। 2011 की जनगणना में कांग्रेस सरकार ने जातिगत जानकारी जुटाई थी लेकिन इसके आंकड़े अब तक सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। एक पक्ष का दावा है कि जातीय आंकड़ों के बिना सामाजिक न्याय मुश्किल है तो दूसरा पक्ष इसे समाज के लिए विभाजनकारी बता रहा है।

-ब्यूरो रिपोर्ट, आईबीसी24