Woman tries to commit suicide by pouring petrol in collectorate office: विदिशा। जनसुनवाई के दौरान कलेक्ट्रेट कार्यालय में आज उस समय हड़कंप की स्थिति बन गई जब गंजबासौदा से एक पीड़ित महिला ने अधिकारियों के सामने पेट्रोल डालकर आत्महत्या करने की कोशिश की, जिसके बाद तुरंत ही वहां तहसीलदारों और अन्य कर्मचारियों ने पेट्रोल की बॉटल छीन कर महिला को सुरक्षित बचाया। पीड़ित महिला का आरोप है कि उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। उसकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही इस कारण उसने सोचा कि अब मौत को गले लगा लिया जाए।
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव का कहना है कि पीड़ित महिला का पूरा प्रकरण व्यवहार न्यायालय में चल रहा है। इसलिए मैंने उनके एडवोकेट से बात की है। कलेक्टर के मुताबिक, इनका प्रकरण राजस्व न्यायालय में नहीं बल्कि सिविल न्यायालय में चल रहा है और वहीं से इनका निर्णय होगा। तहसील गंजबासौदा की रहने वाली कांति राजपूत आज अपने बेटे के साथ पिंड भरकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची और अपनी बात जन सुनवाई के दौरान भरे सभाकक्ष में तहसीलदार को अपनी बात सुनाई और जब बात बनती नहीं देखी तो अपने साथ थैले में पेट्रोल की बोतल लेकर आई पीड़िता ने पेट्रोल निकालकर अपने ऊपर डालने की कोशिश की। स्थिति को भाप कर फौरन कर्मचारी और अधिकारी ने महिला के हाथ से पेट्रोल की बॉटल छीन ली इतने में महिला तहसीलदार ने उसे गले लगा लिया।
पीड़िता का आरोप है कि उसके पास 35 से लेकर 36 बीघा जमीन थी और अब मात्र साढ़े7 बीघा जमीन ही उसके पास बची है। सारी जमीन उसके ससुराल पक्ष के लोगों ने छुड़ा ली है। उसके पति भी मानसिक रूप से पीड़ित हैं और उसके सिर्फ दो बेटे हैं। पीड़ित महिला कांति राजपूत का कहना है कि उसकी जमीन पर ससुराल वाले कब्जा कर रहे हैं। वह लोग रसूखदार हैं, उन लोगों के पास बहुत पैसा है। पुलिस वालों से भी उनकी सांठगांठ है।
पीड़ितो के बेटे का कहना है कि हम गरीब हैं और जब हमारी कहीं सुनवाई नहीं हुई तो हमने मर जाना बेहतर समझा। कलेक्टर ने कहा कि हम इस बारे में कुछ कर नहीं सकते। हम पीड़िता को कोई वकील अवश्य करवा सकते हैं, लेकिन हमारी मजबूरी है कि उसका पूरा प्रकरण व्यवहार न्यायालय में चल रहा है। यहां राजस्व में इस प्रकरण का कोई लेना देना नहीं है। हम पीड़िता के कहने पर रेड क्रॉस सोसाइटी से अवश्य वकील करवाने की कोशिश करेंगे। IBC24 से मनोज पांडे की रिपोर्ट