विदिशा। जिले के ग्राम डाबर में उस वक्त मातम पसर गया जब सगी छोटी दो बहने सर्पदंश का शिकार हो गई और दोनों की ही मौत हो गई। पूरा गांव गमगीन है। यह तो अच्छा रहा की एक बेटे के सिर पर भी सर्प बैठा था और उसे जैसे-तैसे परिजनों ने भगाया। दोनों सगी बहनों को हॉस्पिटल लाया गया, लेकिन भोपाल ले जाते वक्त रास्ते में दोनों की मौत हो गई। 14 साल की रितिका और 10 वर्ष की साधना की गांव में एक साथ अर्थियां उठी और पूरा माहौल गमगीन था जहां परिजन रो रहे थे तो गांव वालों की आंखें भी नम थी।
विदिशा के करीब ग्राम डाबर की आम वाली कॉलोनी में रहने वाला गजराज सिंह अहिरवार का परिवार रात में सो रहा था। अचानक दबे पांव मौत आई और फिर पूरा परिवार और गांव गमगीन हो उठा। दरमियानी रात्रि लगभग 1:00 बजे दो सगी बहनें अपने घर पर सो रही थी। तभी 14 साल की रितिका घबरा कर रोने लगी और उसने पिता को बताया कि उसे किसी ने काट लिया है। जब दूसरे कमरे में देखा तो 10 साल की साधना और 6 वर्ष के बेटे के सिर पर काला सांप बैठा हुआ था। जैसे-तैसे सर्प को भगाया गया।
पिता फौरन रितिका को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे उसके पूरे शरीर पर बड़े-बड़े दाग धब्बे निकल आए थे। थोड़ी देर के बाद साधना की तबीयत भी बिगड़ने लगी परिजन समझ गए कि वह भी सर्व दलित का शिकार हो चुकी है फौरन ही साधना को भी विदिशा जिला अस्पताल लाया गया तब तक रितिका की तबीयत बहुत बिगड़ चुकी थी। दोनों बहनों को भोपाल ले जाने की तैयारियां चल रही थी इसी बीच साधना की तबीयत बिगड़ने लगी और अंततः दोनों की मौत हो गई।
एक पिता के सामने दो छोटी-छोटी बेटियों की मौत से पिता टूट चुके हैं, लेकिन होनी को कौन टाल सकता है। पिता गजराज सिंह अहिरवार और भतीजे हेमंत की माने तो पहले रितिका को लेकर अस्पताल लाया गया थोड़ी देर के बाद 10 साल की छोटी साधना को भी जिला अस्पताल लाया गया दोनों की मौत हो चुकी थी परिजनों के मुताबिक 6 वर्ष की बेटे की सिर पर भी सर्प बैठा था उसे फौरन भगाया गया नहीं तो क्या होता। IBC24 से मनोज पांडे की रिपोर्ट