Patwari bought a new jarib from dalit farmer to measure land
विदिशा। आजादी के इतने सालों बाद भी छुआछूत का दंश लगता है अभी भी बरकरार है और एक ऐसा ही मामला विदिशा जिले की तहसील लटेरी के ग्राम बापचा से सामने आया। यहां एक दलित परिवार के किसान की जमीन नापने के लिए पटवारी ने किसान से ही 17 सौ रुपये की नई जरीब ( लोहे का कडी वाला एक तरह का बड़ा टेप) खरीदवाई। दलित किसान के पूछने पर कि ऐसा क्यों किया जा रहा है तो पटवारी का उत्तर था की ‘ठाकुरों, ब्राह्मणों, सवर्णों के लिए जमीन नापने वाली जरीब अछूत हो जाएगी।’
ग्राम बापचा के दलित किसान ने नई जरीब का बिल और नई जरीब लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। कलेक्टर का कहना है कि 3 दिनों के अंदर पुलिस की मौजूदगी में संबंधित किसान की जमीन नपवाई जाएगी। आजादी के इतने सालों बाद भी छुआछूत का दंश देश से मिटने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला विदिशा जिले की लटेरी तहसील के अंतर्गत ग्राम बापचा से सामने आया, जहां मलखान सिंह अहिरवार नामक व्यक्ति ने अपनी जमीन के सीमांकन और नपती के मामले में पटवारी और चौकीदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
दलित किसान ने छुआछूत के मामले में आरोप लगाते हुए बताया कि जमीन नापने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली जरीब जो पटवारी के पास पहले से मौजूद थी, वह ठाकुरों और सवर्णों की जमीन नापने के लिए रखी गई है। मलखान सिंह की जमीन नापने के लिए नई जरीब खरीदवाई गई ताकि पुरानी जरीब छुआछूत से खराब ना हो। यहां मलखान सिंह अहिरवार ने कलेक्टर को सौंपी अपने ज्ञापन में यह आरोप भी लगाए कि पटवारी को उन्होंने इस सीमांकन के लिए ₹5000 और चौकीदार को ₹2000 कुल मिलाकर 7 हजार रिश्वत के रूप में दिए हैं।
फरियादी दलित किसान ने आज कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा उसने कलेक्टर के समक्ष जमीन नपती का आदेश भी दिखाया तथा नई जरीब खरीदने वाला बिल मय जरीब के कलेक्टर को दिखाया और कहा कि हमने पटवारी और चौकीदार को ₹7000 की रिश्वत भी दी है, लेकिन वहां हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई हमारे साथ गांव के लोगों ने खुद के ट्रैक्टर में हमारा अनाज भी भरकर ले गए। इसकी शिकायत हम पुलिस थाने में करने गए थे, लेकिन पुलिस ने भी हमारी नहीं सुनी अब आप से गुहार लगाने आया हूं।
इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर उमाशंकर भार्गव का कहना है कि सीमांकन के समय विवाद की स्थिति बन गई थी यह बात फरियादी के सामने भी स्वीकार की है अब हम पुलिस की मौजूदगी में किसान के जमीन का सीमांकन करवाएंगे लेकिन वहां विवाद की स्थिति बन गई थी यह बात फरियादी किसान ने भी स्वीकार की है। IBC24 से मनोज पांडे की रिपोर्ट
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