भोपाल : Urdu Ke Bahane Jang : विधानसभा में आज फिर सत्ता पक्ष और विपक्ष संवाद के बजाए लड़ते-झगड़ते, एक दूसरे को कोसते हुए सदन का बहिष्कार किया। थोड़ा बहुत काम भी हुआ और जमकर बवाल भी। बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने आज सदन के पटल पर प्राइवेट बिल रखा। जिसका उन्होंने मकसद बताया आईपीसी की शब्दावली से कठिन शब्दों को हटाने का। कांग्रेस ने इसका विरोध किया और कहा कि बीजेपी एक विशेष वर्ग को टॉर्चर कर रही है। इसके पीछे उनकी धुव्रीकरण की राजनीति है।
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Urdu Ke Bahane Jang : मध्यप्रदेश में अब भाषा की आड़ में सियासी वार-पलटवार शुरू हो गया है। बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने सदन में अशासकीय संकल्प पेश किया और भारतीय दंड संहिता यानी IPC से उर्दू शब्दों को हटाने की बात कही। सिसोदिया के अनुसार IPC के कई शब्द प्रचलन से बाहर हैं और आम लोगों से उसका कोई मतलब नहीं है। उनके अशासकीय संकल्प को मंत्री और बीजेपी विधायकों ने भी समर्थन किया।
कांग्रेस विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई और तीखी नोकझोंक के बाद सदन ने वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस की माने तो उर्दू शब्दों को लेकर ध्रुवीकरण की राजनीति हो रही है। कांग्रेस विधायकों ने वर्ग विशेष को टॉर्चर करने का भी संगीन आरोप लगाया।
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Urdu Ke Bahane Jang : भारतीय दंड संहिता ब्रिटिश काल में 1 जनवरी को 1862 को लागू हुई थी और इसमें समय-समय पर संशोधन होते रहे हैं। इसकी शब्दावली और न्यायिक प्रक्रिया की भाषा अक्सर आम लोगों को समझ नहीं आती। बीजेपी विधायक ने इसे सरल करने की मांग उठाई है लेकिन टाइमिंग के कारण इसे चुनावी चश्मे और मजहबी नजरिए से देखा जा रहा है।