इंद्रेश सूर्यवंशी, उज्जैन: Apne Khal se Banai Maa Ke liye Chappal बाबा महाकाल की नगरी से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जिसे जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। हैरानी की बात ये है कि इस काम के लिए युवक को प्रेरणा रामायण पढ़कर मिली थी। दरअसल एक शख्स जिसने पहले अपराध की दुनिया में कदम रखा और फिर जेल में सजा काटने के बाद प्रायश्चित की राह पर जब निकला तो मां के प्रति अथाह प्रेम और श्रद्धा की ऐसी मिसाल पेश कर दी, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
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Apne Khal se Banai Maa Ke liye Chappal न बेटे की आंख में आंसू थम रहे हैं, न मां की आंख के आंसू रुक रहे हैं। आंखों से बहते इन आंसुओं में अगाध प्रेम है, समर्पण है.. श्रद्धा है। मां के प्रति श्रद्धा की ऐसी अनोखी मिसाल शायद ही कभी आपने सुनी हो कि बेटे ने अपनी खाल उतरवाकर उससे बनी चप्पलें मां को पहना दीं।
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मिली जानकारी के अनुसार ये मामला उज्जैन के ढांचा भवन निवास की। दरअसल प्रापर्टी कारोबारी रौनक गुर्जर कभी हिस्ट्रीशीटर बदमाश रहा है। कुछ साल पहले फरारी के दौरान पुलिस की गोली भी लगी थी, इस पर एक दर्जन से अधिक अपराध भी दर्ज हुए। लेकिन जेल से छूटने के बाद ह्रदय परिवर्तन हुआ और प्रॉपर्टी कारोबार के साथ-साथ प्रायश्चित के लिए धार्मिक आयोजनों से भी जुड़ गया। रौनक के मुताबिक उसने रामायण में पढ़ा कि मां के लिए अपनी चमड़ी से भी खड़ाऊ बनवाओ तो कम है। बस इसी से प्रेरित होकर रौनक ने संकल्प लिया कि अपनी खाल से बनी चप्पलें मां को पहनाएगा। परिवार में भागवत कथा के आयोजन के दौरान रौनक ने निजी अस्पताल पहुंचकर अपने जांघ से खाल उतरवाई और जख्मी हालत में ही एंबुलेंस से कथा स्थल तक आए। कथा के मंच पर अपनी मां को अथाह प्रेम से भरी ये भेंट दी।
मां निरुला गुर्जर को बेटे को हुआ अथाह दर्द महसूस हो रहा है, लेकिन वो खुद को भाग्यशाली भी मान रही है कि इतनी श्रद्धा रखने और इतना प्रेम करने वाला बेटा मिला। जो भी इस आयोजन में मौजूद था। हर कोई मातृ प्रेम की ये मिसाल देखकर दंग रह गया और उनकी आंखें नम हो गईं।
कभी हिस्ट्रीशीटर रहा रौनक गुर्जर जो प्रायश्चित की राह पर निकला तो भगवान रूपी मां के प्रति अथाह प्रेम की ऐसी मिसाल भी पेश कर दी जो शायद ही इस दुनिया में कहीं देखने को मिले।