इंदौर (मध्यप्रदेश), 28 नवंबर (भाषा) भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने पर्यवेक्षक के दर्जे के लिए यूरेशियन समूह (ईएजी) में आवेदन किया है जिस पर इस संगठन की इंदौर में जारी 41वीं पूर्ण बैठक में फैसला होना है।
धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के खिलाफ काम करने वाले ईएजी के नौ सदस्यों में भारत शामिल है।
भारत के राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने इंदौर में ईएजी की बैठक के पूर्ण सत्र के उद्घाटन समारोह के बाद संवाददाताओं को बताया,‘‘यूएई ने ईएजी से पर्यवेक्षक का दर्जा मांगा है। यूएई के इस आवेदन पर ईएजी की जारी पूर्ण बैठक में निर्णय किया जाना है।’’
उन्होंने बताया कि यूएई के ईएजी का पर्यवेक्षक बनने के अनुरोध पर भारत पहले ही अपनी सहमति जता चुका है।
अग्रवाल, ईएजी की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख (एचओडी) के तौर पर हिस्सा ले रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यूएई फिलहाल एक अन्य समूह ( पश्चिम एशिया एवं उत्तर अफ्रीका वित्तीय कार्यबल) का सदस्य है, पर समान हितों के कारण अब वह ईएजी में भी सक्रियता से काम करना चाहता है।’’
इंदौर में ईएजी की 41वीं पूर्ण बैठक का उद्घाटन भारत के वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी और मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने किया। इस मौके पर ईएजी के अध्यक्ष यूरी चिखानचिन और भारत के राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा भी मौजूद थे।
ईएजी के सदस्यों में भारत के साथ ही बेलारूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं।
इस संगठन में इटली, अमेरिका, जापान, जर्मनी और फ्रांस समेत 16 देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल है।
इंदौर में ईएजी की 29 नवंबर तक चलने वाली बैठक में करीब 200 विदेशी और 60 भारतीय प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं। इनमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), एशियाई विकास बैंक (एडीबी) और दूसरे संगठनों के अधिकारी शामिल हैं।
भाषा हर्ष नोमान
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