भोपाल, एक अक्टूबर (भाषा) मध्यप्रदेश के बैतूल और सागर जिलों में मंगलवार को अलग-अलग घटनाओं में कार्यालयों में जन सुनवाई के दौरान दो महिलाओं ने आत्महत्या की कोशिश की। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि एक महिला ने बैतूल के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में जहर खा लिया, जबकि सागर में एक अन्य महिला ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाल लिया, लेकिन समय रहते उसे रोक लिया गया।
राज्य भर के जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों के कार्यालयों में हर मंगलवार को जन सुनवाई आयोजित की जाती है।
शिकायत लेकर आई एक महिला ने बैतूल में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के कार्यालय में जहरीला पदार्थ खा लिया। एसपी निश्चल झारिया ने बताया कि उसे अस्पताल ले जाया गया और उसकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।
अधिकारी ने बताया कि महिला ने 24 अगस्त को चार लोगों के खिलाफ और 16 सितंबर को दो अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
उन्होंने बताया कि दोनों मामलों में जांच पूरी हो चुकी है और जल्द ही अदालत में चालान या चार्जशीट पेश की जाएगी। महिला ने आरोप लगाया कि उसे कुछ लोग परेशान कर रहे हैं और वन विभाग ने उसकी झोपड़ी को अतिक्रमण कर बनाया घोषित कर हटा दिया। उसने आरोप लगाया कि जमीन का फर्जी पट्टा तैयार किया गया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि अगर उसके आरोप सही पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी।
सागर में एक महिला ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डाल लिया लेकिन सरकारी कर्मचारियों ने उसे आग लगाने से पहले ही पकड़ लिया।
महिला ने आरोप लगाया कि वह आठ साल से मार्कशीट में अपना उपनाम बदलवाना चाहती है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने उसकी शिकायत नहीं सुनी।
प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन ने पत्रकारों को बताया कि महिला का नाम उसके सभी अंकपत्र में राधा सौर दर्ज है और वह इसे यादव करवाना चाहती है।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय ने इस वर्ष अप्रैल में सचिव को इस संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। अधिकारी ने बताया कि उनके स्तर पर जाति का नाम नहीं बदला जा सकता।
भाषा सं दिमो
धीरज
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